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विश्व मधुमेह दिवस: कोरोना ने बढ़ाई मधुमेह रोगियों की संख्या, जीवनशैली में संतुलन से मधुमेह आएगा काबू - रांची न्यूज

विश्व मधुमेह दिवस (World Diabetes Day) सोमवार को दुनिया भर में मनाया गया. झारखंड में भी इस पर जगह-जगह जागरुकता कार्यक्रम हुए. झारखंड में वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाना इसलिए प्रासंगिक है क्योंकि झारखंड के शहरी इलाकों में तकरीबन हर सातवां शख्स डायबिटिक है. वहीं कोरोना ने मधुमेह रोगियों की संख्या बढ़ा दी है, हालांकि इस पर जगह-जगह रिसर्च हो रही है.

world diabetes day
मधुमेह रोग विशेषज्ञ डाक्टर अंकित श्रीवास्तव

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Published : Nov 14, 2022, 10:14 PM IST

रांचीःदुनिया भर में 14 नवंबर को मधुमेह दिवस (World Diabetes Day) मनाया जा रहा है. दुनिया भर में मधुमेह से पीड़ित हो रहे लोगों की संख्या को बढ़ने से रोकने और लोगों को इसको लेकर जागरूक करने के लिए विश्व मधुमेह दिवस मनाया गया. भारत और झारखंड के संदर्भ में विश्व मधुमेह दिवस सेलिब्रेशन और भी महत्वपूर्ण है.मधुमेह रोगियों की संख्या भारत में दिन ब दिन बढ़ रही है. झारखंड में भी डायबिटीज मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. झारखंड स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़े के मुताबिक झारखंड के शहरी इलाकों में 15 से 18% लोग इस बीमारी के चपेट में हैं यानी हर सातवां व्यक्ति मधुमेह का शिकार है. कोरोना के बाद इसके रोगियों की संख्या बढ़ी है (Number Of Diabetics In Jharkhand). हालांकि जीवनशैली में बदलाव कर इस पर काबू किया जा सकता है.

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रांची के चिकित्सक डॉ. अंकित श्रीवास्तव बोले- अब सिर्फ बुजुर्गों की बीमारी नहीं रही मधुमेहःरांची के प्रख्यात मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ. अंकित श्रीवास्तव कहते हैं कि कुछ दशक पहले तक डायबिटीज बुजुर्गों की बीमारी कही जाती थी. लेकिन अब यह बीमारी युवाओं के साथ-साथ बच्चों को भी गिरफ्त में ले रही है. इसकी मुख्य वजह हमारे खान पान और जीवनशैली में बदलाव है. डॉ. अंकित श्रीवास्तव के अनुसार अब हमारे बच्चे मैदान में खेलकूद और शारीरिक मेहनत की जगह मोबाइल और कंप्यूटर पर गेम खेलने में व्यस्त होने लगे हैं. इसके अलावा जंक फूड का प्रचलन भी बढ़ गया है. ये बड़ी वजह इस बीमारी की बन रही है.

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कोरोना संक्रमित कई मरीज हो गए मधुमेह रोगीः रांची केप्रख्यात मधुमेह रोग विशेषज्ञ का कहना है कि कोरोना की सेकंड वेव के दौरान गंभीर रूप से संक्रमित हुए मरीजों में कोरोना संक्रमण समाप्त होने के बाद डायबिटीज का लक्षण पाया गया. अच्छी बात यह है कि उनमें से 50 प्रतिशत लोग धीरे धीरे मधुमेह से मुक्त हो गए लेकिन अभी भी बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है जो कोरोनाजनित मधुमेह के शिकार हुए. ऐसा क्यों हुआ इस पर दुनियाभर में रिसर्च चल रही है. मधुमेह का सभी अंगों पर पड़ता है दुष्प्रभावःमधुमेह का खतरा कितना ज्यादा है, इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि यह शरीर के महत्वपूर्ण अंगों ब्रेन, हार्ट, किडनी, लीवर पर खराब असर डालता है. ऐसे में जीवनशैली में बदलाव, जंक फूड से दूरी और योग कसरत, वॉकिंग से इसके खतरे को कम करने का प्रयास करना चाहिए. यह भी जरूरी है कि समय समय पर मधुमेह की जांच कराया जाय. यह है मधुमेह का लक्षणः चिकित्सकों का कहना है कि बार बार पेशाब लगे, अचानक वजन कम होने लगे , मुंह बार बार सूखे और प्यास अधिक लगे तो एक बार मधुमेह की जांच जरूर करानी चाहिए. सरकारी अस्पतालों में मुफ्त जांच की सुविधाः रांची सदर अस्पताल में नॉन कम्युनिकेबल डिजीज (NCD) के हेड डॉक्टर एके झा कहते हैं कि यह बीमारी ठीक नहीं होती पर यह भी सही है कि अगर दवाओं और जीवनशैली में बदलाव कर इसको काबू में किया जा सकता है.

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