रांचीःदुनिया भर में 14 नवंबर को मधुमेह दिवस (World Diabetes Day) मनाया जा रहा है. दुनिया भर में मधुमेह से पीड़ित हो रहे लोगों की संख्या को बढ़ने से रोकने और लोगों को इसको लेकर जागरूक करने के लिए विश्व मधुमेह दिवस मनाया गया. भारत और झारखंड के संदर्भ में विश्व मधुमेह दिवस सेलिब्रेशन और भी महत्वपूर्ण है.मधुमेह रोगियों की संख्या भारत में दिन ब दिन बढ़ रही है. झारखंड में भी डायबिटीज मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. झारखंड स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़े के मुताबिक झारखंड के शहरी इलाकों में 15 से 18% लोग इस बीमारी के चपेट में हैं यानी हर सातवां व्यक्ति मधुमेह का शिकार है. कोरोना के बाद इसके रोगियों की संख्या बढ़ी है (Number Of Diabetics In Jharkhand). हालांकि जीवनशैली में बदलाव कर इस पर काबू किया जा सकता है.
विश्व मधुमेह दिवस: कोरोना ने बढ़ाई मधुमेह रोगियों की संख्या, जीवनशैली में संतुलन से मधुमेह आएगा काबू - रांची न्यूज
विश्व मधुमेह दिवस (World Diabetes Day) सोमवार को दुनिया भर में मनाया गया. झारखंड में भी इस पर जगह-जगह जागरुकता कार्यक्रम हुए. झारखंड में वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाना इसलिए प्रासंगिक है क्योंकि झारखंड के शहरी इलाकों में तकरीबन हर सातवां शख्स डायबिटिक है. वहीं कोरोना ने मधुमेह रोगियों की संख्या बढ़ा दी है, हालांकि इस पर जगह-जगह रिसर्च हो रही है.
रांची के चिकित्सक डॉ. अंकित श्रीवास्तव बोले- अब सिर्फ बुजुर्गों की बीमारी नहीं रही मधुमेहःरांची के प्रख्यात मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ. अंकित श्रीवास्तव कहते हैं कि कुछ दशक पहले तक डायबिटीज बुजुर्गों की बीमारी कही जाती थी. लेकिन अब यह बीमारी युवाओं के साथ-साथ बच्चों को भी गिरफ्त में ले रही है. इसकी मुख्य वजह हमारे खान पान और जीवनशैली में बदलाव है. डॉ. अंकित श्रीवास्तव के अनुसार अब हमारे बच्चे मैदान में खेलकूद और शारीरिक मेहनत की जगह मोबाइल और कंप्यूटर पर गेम खेलने में व्यस्त होने लगे हैं. इसके अलावा जंक फूड का प्रचलन भी बढ़ गया है. ये बड़ी वजह इस बीमारी की बन रही है.