रांची: हिमाचल प्रदेश में झारखंड के मजदूरों के साथ मारपीट हुई है. यह घटना किन्नोर जिला के लंबर स्थित नोरवेन कंपनी से जुड़ी है. मारपीट की घटना पर राज्य सरकार ने संज्ञान लिया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर श्रम विभाग के राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष के पदाधिकारियों ने हिमाचल की नोरवेन कंपनी के मालिक धर्मेंद्र राठी से बातचीत की और घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने मजदूरों को फौरन राहत पहुंचाने को कहा है.
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अभी तक की जानकारी के मुताबिक झारखंड के खूंटी सहित अन्य जिलों के 150 मजदूर हिमाचल प्रदेश में काम करने गए थे. बीते दिनों किसी बात पर विवाद होने पर वहां के स्थानीय मजदूरों ने झारखंड के मजदूरों की पिटाई कर दी थी. इसमें झारखंड के दो तीन मजदूरों की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिनका इलाज हिमाचल प्रदेश के अस्पताल में चल रहा है.
कंपनी के मालिक धर्मेंद्र राठी ने जानकारी दी है कि घटना में घायल हुए मजदूरों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उन्होंने भरोसा दिलाया है कि झारखंड के अन्य मजदूर जो वापस लौटना चाहते हैं, उन्हें भेजने की पूरी व्यवस्था की जाएगी. कंपनी की ओर से बताया गया कि फिलहाल 16 मजदूरों को वापस झारखंड भेजने के लिए ट्रेन टिकट की व्यवस्था की गई है. ये मजदूर रविवार (10 अक्टूबर) को झारखंड आने के लिए ट्रेन में बैठ गए हैं. सभी मंगलवार को कोडरमा पहुंचेंगे. वहां से बस से वापस अपने गृह जिला खूंटी लौटेंगे.
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मजदूरों को एक माह का वेतन और बकाया उनके बैंक खाते में भेजने की मांग कंपनी ने स्वीकार कर ली है. मारपीट की घटना के बाद मामले में किन्नौर में एफआईआर दर्ज करा दिया गया है. इस पर भी पहल कर समझौता कराने का प्रयास किया जा रहा है.
कंपनी की ओर से कहा गया है कि झारखंड के मजदूर पिछले 40 वर्षों से हिमाचल प्रदेश आकर काम करते रहे हैं. झारखंड के मजदूरों के साथ उनकी सहानुभूति है. वे झारखंड सरकार से इस मामले में सहयोग करते रहेंगे. इधर वापस लौट रहे मजदूरों ने घर वापसी पर पहल करने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता के प्रति आभार जताया है.