पटना: कोरोना वायरस को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन है. इसका सबसे ज्यादा असर उन मजदूरों पर पड़ा है, जो बेहतर जिंदगी की तलाश में अपने गांवों से बड़े शहरों की ओर गए थे. लेकिन, लॉकडाउन के कारण इन मजदूरों के लिए खुद और परिवार का खर्च निकाल पाना मुश्किल हो गया. ऐसे में ये मजदूर और गरीब अपने गांवों की ओर लौट रहे हैं.
राजधानी पटना में झारखंड के सैंकड़ों मजदूर काम करते हैं. लॉकडाउन के कारण दिहाड़ी मजदूरों का काम बंद हो गया. इस कारण मजदूरों के सामने रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई. इसके बाद ये लोग पटना के विभिन्न क्षेत्रों से गढ़वा जिले के लिए पैदल ही निकल पड़े.
'खाने के लिए पैसा नहीं'
दुल्हिन बाजार में एक मजदूर ने बताया कि वे लगभग 20 सालों से पटना में रहकर होटल में काम करते हैं. साथ ही घर-परिवार का भरण-पोषण करते आ रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन होने के कारण होटल बंद हो गया. उन्होंने कहा कि हम लोगों को काम से हटा दिया गया है. साथ ही उन्होंने बताया कि पहले का जो पैसा बचा हुआ था. उस पैसा से किसी तरह कल तक खाना-पीना हो पाया है. अब तो खाने के लिए भी पैसे पास में नहीं हैं.