जयपुर: राजस्थान में आदिवासी समाज और उनके धर्म को लेकर चल रही बहस के बीच शनिवार को मोदी सरकार के इस्पात मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि देश के अधिकांश आदिवासी सनातन धर्म को मानने वाले हैं. उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासियों के सभी संस्कार और परंपराएं वही हैं, जो हिंदू धर्म की हैं. आदिवासी समाज में भी कोई भी मांगलिक कार्य देवताओं की पूजा से ही शुरू होता है. यही हमारी पहचान भी है.
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आदिवासियों को बांटने का प्रयास
कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा के आदिवासियों के धर्म को लेकर दिए गए बयान के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम हिंदू धर्म को मानते आए हैं. हमारी परंपरा, पहचान, देवी-देवता और पूजा पद्धति है. थोड़े से लाभ और राजनीतिक स्वार्थ के कारण लोग ऐसा प्रयास कर रहे हैं. जो अपने अस्तित्व को मिटाने का काम कर रहे हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू धर्म और संस्कृति को बचाए रखने का काम भी आदिवासियों ने किया है. आरक्षण से पहले का जो इतिहास रहा है, उसे देखना चाहिए. आदिवासियों को बांटने का जो प्रयास हो रहा है, वह गलत है. हम आदिवासियों को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासियों के धर्मांतरण को रोकने के लिए भी ठोस इंतजाम किए जाने चाहिए. समाज को तोड़ने के प्रयास सही नहीं है.
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विधायक रमेश मीणा की ओर से विधानसभा में एससी-एसटी के विधायकों को बोलने का मौका नहीं देने संबंधी आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत से पूछा जाना चाहिए कि यह क्या हो रहा है, क्यों अन्याय किया जा रहा है. क्यों भेदभाव किया जा रहा है.