रांची:झारखंड के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में सिक्योरिटी गार्डो और ट्रॉलीमैन की हड़ताल के कारण चिकित्सा व्यवस्था पटरी से उतर गई है (Trolley man and guard strike in RIMS). इस रिम्स हॉस्पिटल में हर रोज ढाई से तीन हजार मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. गंभीर मरीजों को ट्रॉली, स्ट्रेचर पर वार्ड, डॉक्टर्स और आवश्यक टेस्ट के लिए अलग-अलग डिपार्टमेंट में पहुंचाने की जिम्मेदारी ट्रॉली मैन पर होती है. बुधवार से चल रही इनकी हड़ताल से मरीजों की जान पर बन आई है. पिछले 24 घंटों के अंदर समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण तीन गंभीर मरीजों ने एंबुलेंस में दम तोड़ दिया. इन मरीजों को सही वक्त पर वार्ड या डॉक्टर के पास पहुंचा दिया जाता तो शायद उनकी जान बच सकती थी.
रिम्स में ट्रॉलीमैन और सुरक्षा गार्डो की हड़ताल से मरीजों की जान पर आफत, 3 की हुई मौत - Jharkhand news
झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में गार्ड और ट्रॉली मैन हड़ताल पर हैं (Trolley man and guard strike in RIMS). इनके हड़ताल पर जाने से यहां पहुंचने वाले मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. हालत ये है कि सही समय पर मरीज को डॉक्टर के पास नहीं पहुंचाने से पिछले 24 घंटों में तीन मरीजों ने दम तोड़ दिया.
रिम्स में सिक्योरिटी गार्डो और ट्रॉलीमैन की संख्या 378 है. इन्हें पिछले चार-पांच महीनों से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है. इस बीच इन्हें हॉस्पिटल से हटाए जाने की सूचना दी गई है. इससे नाराज होकर इन्होंने बुधवार से हड़ताल शुरू कर दी है. इस वजह से चिकित्सा व्यवस्था इस तरह बेपटरी हुई है कि पिछले दो दिनों में लगभग 500 मरीजों को रिम्स से इलाज के बगैर वापस लौटना पड़ा या प्राइवेट हॉस्पिटल में दाखिल होना पड़ा है. मरीजों के परिजन खुद से ट्राली खींच रहे हैं.
जानकारी नहीं होने के कारण उन्हें काफी परेशानी हो रही है. सही जगह पर पहुंचने में उन्हें काफी समय लग रहा है. रिम्स में तीन शिफ्टों में 70 ट्रालीमैन को ड्यूटी में लगाया गया था. अभी इनमें से एक भी ट्रालीमैन ड्यूटी में नहीं है. इस बीच गुरुवार को हड़ताली सिक्योरिटी गार्डो के प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य मंत्री सह रिम्स गवर्निग बॉडी के प्रेसिडेंट बन्ना गुप्ता से मुलाकात की. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने उनकी बात सुनने के बाद 10 जनवरी तक मामले के समाधान का आश्वासन दिया है.
--आईएएनएस