रांची:आदिवासियों और दलितों की शिक्षा में चुनौतियों के विषय पर शनिवार को आयोजित कार्यशाला में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्राइबल यूनिवर्सिटी की जल्द स्थापना किए जाने की बात कही. पुरुलिया रोड स्थित सोशल डेवलपमेंट सेंटर सभागार में इस कार्यशाला का आयोजन हुआ. इस दौरान मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां अनुसूचित जाति, जनजाति की होनहार छात्र-छात्राएं जो उच्च शिक्षा के लिए विदेशों में पढ़ाई करना चाहते हैं, उन्हें सरकार मदद कर रही है. सरकार 'फॉरेन एजुकेशन स्कॉलरशिप' योजना के तहत सहायता राशि प्रदान करती है और बच्चों को विदेश भेजती है. राज्य में मैट्रिक पास करने वाले सभी बोर्ड के छात्र-छात्राओं को भी सहायता राशि दी जा रही है. आदिवासी समुदाय के बच्चों को प्लेटफार्म उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य में ट्राईबल यूनिवर्सिटी स्थापित की जाएगी.
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बेहतर शिक्षा सुविधा मुहैया करने की कवायद
राज्य सरकार के कई शिक्षण संस्थानों में लड़कियों के लिए पहले से ही नर्सिंग-एएनएम जैसे पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं. सीएम ने ये भी कहा कि उनकी सरकार ने अब लड़कों के लिए भी नर्सिंग और एएनएम के पाठ्यक्रम शुरू किए हैं, ताकि उन्हें भी रोजगार मिल सके. राज्य सरकार के एसटी-एससी युवाओं को रोजगार से जोड़ने निमित्त 50 हजार से लेकर 25 लाख रुपए तक का ऋण बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराने का कार्य कर रही है. पहली बार जेपीएससी नियमावली बनाने का काम हमारी सरकार ने किया है.
बेहतर रूप से स्कूलों में नियुक्ति कार्य हो, इसके लिए स्कूल नियुक्ति नियमावली तैयार की गई है. राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी बेहतर शिक्षा सुविधा मुहैया हो, इसके लिए 4500 स्कूलों को नए रूप से सुसज्जित करने का काम किया जा रहा है. शिक्षा के क्षेत्र में अभी भी सुधार की काफी आवश्यकता है.