रांची:झारखंड को प्रकृति ने अप्रतिम सौंदर्य और असीमित पर्यटन स्थलों से नवाजा है जिनमें खूबसूरत झरने, नदी, पहाड़, पठार और वन्य प्रदेश शामिल हैं. कई जगह पर मानव निर्मित पर्यटक स्थल का भी निर्माण किया गया है जैसे उद्यान, मंदिर, चिड़ियाघर और प्राचीन कला स्थल. लेकिन प्रकृति के द्वारा दिए गए मनभावन पर्यटन स्थल होने के बावजूद झारखंड का पर्यटन विभाग पर्यटकों को नहीं लुभा पा रहा है. झारखंड की वादियों में एक और कलकल करते छोटे बड़े जलप्रपात हैं तो दूसरी और बड़े-बड़े पर्वत. इसके बावजूद राज्य का पर्यटन स्थल राजनीति के फेर में फंस कर रह गया है.
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अच्छे होटल से लेकर परिवहन व्यवस्था तक ठीक नहीं
झारखंड के प्राकृतिक संपत्तियों को बचाने के लिए काम कर रहे जानकारों का कहना है कि झारखंड में पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से कोई विशेष काम नहीं किए जा रहे हैं. हकीकत यह है कि सरकार पुराने पर्यटक स्थलों की सुरक्षा और रखरखाव ठीक से नहीं कर पा रही है. यहां तक की पर्यटकों के लिए ठहरने वाले होटलों की भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. सिर्फ होटल ही नहीं बल्कि पर्यटन स्थल तक जाने के लिए रास्ते और परिवहन की व्यवस्था भी ठीक नहीं है जिसकी वजह से पर्यटक झारखंड आने से परहेज करते हैं.
पर्यटन स्थल को विकसित करने के लिए चार श्रेणी में बांटा
झारखंड के पर्यटन स्थल को विकसित करने के लिए विभाग की तरफ चार कैटेगरी में बांटा गया है जिसे A, B, C, और D की श्रेणी दी गई है. ए श्रेणी में इंटरनेशनल टूरिज्म को रखा गया है. बी श्रेणी में नेशनल टूरिज्म, सी श्रेणी में राज्य स्तरीय टूरिज्म और डी श्रेणी में जिला स्तरीय टूरिज्म को रखा गया है. ए और बी श्रेणी को विकसित करने के लिए झारखंड का पर्यटन विभाग खुद तत्पर है. सी श्रेणी के पर्यटन स्थलों को विकसित करने की जिम्मेदारी झारखंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन को दी गई है. डी श्रेणी के पर्यटक स्थलो को विकसित करने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन को दी गई है.
पूर्व मंत्री बोले-लॉ एंड ऑर्डर के चलते नहीं आ रहे पर्यटक
झारखंड में पर्यटकों के नहीं आने को लेकर राज्य के पूर्व पर्यटन मंत्री अमर बाउरी बताते हैं कि पर्यटन और पर्यटकों को बढ़ावा देने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है सुरक्षा. रघुवर सरकार ने इस पर काफी ध्यान दिया था लेकिन झारखंड में जैसे ही नई सरकार आई, लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति काफी खराब हो गई. अपनी सुरक्षा को देखते हुए पर्यटक यहां आने से परहेज करते हैं.
पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक रणधीर सिंह बताते हैं कि झारखंड में जितने भी पर्यटन के क्षेत्र हैं, वह जंगल के क्षेत्रों में है. इसी वजह से वैसे जगहों पर सुरक्षा बहुत जरूरी है. वर्तमान सरकार के आते ही सभी पर्यटन स्थलों पर उग्रवादियों का प्रभाव बढ़ा है जिसके भय से पर्यटक झारखंड आने से परहेज कर रहे हैं. सरकार में शामिल कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव भी यह मानते हैं कि वर्तमानत में पर्यटन के क्षेत्र में सरकार का काम संतोषजनक नहीं है लेकिन आने वाले समय में पर्यटन को लेकर बेहतर नीति बनाई जाएगी.
नई नीति पर चल रहा काम
पर्यटन मंत्री हफीजूल हसन बताते हैं कि राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई पर्यटन नीति बनाई जा रही है और जल्द ही इस पर काम होगा ताकि झारखंड में ज्यादा से ज्यादा पर्यटक आ सकें और राजस्व में बढ़ोतरी हो सके. पर्यटन विभाग के निदेशक नीतीश कुमार सिंह बताते हैं कि झारखंड में पर्यटन के क्षेत्रों में कई संभावनाएं हैं और इसे विकसित करने के लिए भी विभाग की तरफ से प्रयास किया जा रहा है. केंद्र और राज्य सरकार की कई योजनाओं को धरातल पर लाने के लिए विभाग प्रयत्नशील है. जल्द इसका असर राज्य के पर्यटन क्षेत्रों में देखने को मिलेगा.
ये हैं झारखंड के पर्यटन स्थल
बता दें कि झारखंड के लातेहार का नेतरहाट, गिरिडीह का पारसनाथ, धनबाद का मैथन डैम, दुमका का मलूटी मंदिर, देवघर का बाबा धाम मंदिर, बासुकीनाथ, कोल्हान का चांडिल डैम, पलामू का बेतला नेशनल पार्क, जमशेदपुर का दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, रांची का कांके डैम, जगन्नाथ मंदिर, हुंदरू फॉल, सीता फॉल, हिरनी फॉल, दशम फॉल, जोन्हा फॉल, टैगोर हिल, देवरी मंदिर, पंचघाघ पुल, सूर्य मंदिर, पहाड़ी मंदिर, हटिया डैम, मछली घर, अमरेश्वर धाम, दिगंबर जैन मंदिर जैसे सैकड़ों पर्यटन और धार्मिक स्थल हैं, जो पूरे देश के लिए आकर्षण का केंद्र है.
झारखंड के नए राज्यपाल रमेश बैस राजधानी रांची सहित राज्य के विभिन्न पर्यटक स्थलों का दौरा कर रहे हैं ताकि पर्यटक यहां आएं और इससे राज्य का राजस्व बढ़ सके. झारखंड के पर्यटक स्थलों को वैश्विक स्तर पर लाने के लिए और पर्यटकों को लुभाने के लिए राज्य सरकार को कई तरह के ठोस कदम उठाने की जरूरत है. जैसे पर्यटक स्थलों पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम, आने वाले पर्यटकों को बेहतर परिवहन सेवा, पर्यटक स्थल तक पहुंचने के लिए अच्छे रास्ते का निर्माण, पर्यटकों को ठहरने के लिए बेहतर होटल इंतजाम करने की जरूरत है.