- जिसके पास होगा 1932 का कागज, वही कहलायेगा 'झारखंडी', जानिए क्या हैं हेमंत सरकार के फैसले के मायने
- सीएम हेमंत सोरेन ने की राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात,कहा- दूर करें राजनीति अनिश्चितता
- मधु कोड़ा ने 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति का किया विरोध, कहा- 45 लाख लोग बन जाएंगे रिफ्यूजी
- World Engineer Day: बिना इंटरनेट सिर्फ एक आवाज से ऑपरेट होंगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, झारखंड के लाल का कमाल
- स्थानीय नीति और ओबीसी आरक्षण हेमंत सरकार का लॉलीपॉप: सीपी सिंह
- 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति अव्यवहारिक और तनाव बढ़ाने वाला: इंदर सिंह नामधारी