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ओरमांझी चिड़ियाघर में सरस्वती नामक बाघिन की हुई मौत, किडनी में इंफेक्शन की थी शिकायत - चिड़ियाघर में खुशियां मनाई गई

Tigress Saraswati died due to kidney infection. भगवान बिरसा मुंडा जैविक उद्यान रांची में दुखद घटना हुई है. किडनी की बीमारी से सरस्वती नामक बाघिन की मौत हो गई है. बाघिन अगले दो माह में छह वर्ष पूरा करने वाली थी, लेकिन उसके पहले ही चल बसी. बाघिन की मौत से चिड़ियाघर के कर्मियों में मायूसी छाई है.

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Tigress Saraswati Died Due To Kidney Infection

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 3, 2023, 10:33 PM IST

रांची:राजधानी रांची के ओरमांझी चिड़ियाघर में सरस्वती नाम की एक बाघिन की रविवार को मौत हो गई है. इसकी पुष्टि ओरमांझी चिड़ियाघर के चिकित्सक ओम प्रकाश साहू ने की है. उन्होंने बताया कि पिछले दो-तीन दिनों से बाघिन बीमार चल रही थी.

किडनी की बीमारी से ग्रसित थी सरस्वतीः जानकारी के अनुसार बाघिन की उम्र पांच साल, 10 माह थी. पिछले दो तीन दिनों से बाघिन को किडनी में परेशानी थी. उसकी मौत किडनी फेल होने से हुई है. वही पांच दिनों तक लगातार जिंदगी और मौत से संघर्ष करने के बाद रविवार को सरस्वती जिंदगी की जंग हार गई. बाघिन की मौत के बाद उसका पोस्टमार्टम भी किया गया. वहीं बाघिन मौत का सटीक कारण पता लगाने के लिए उसके शरीर के विभिन्न अंगों के सैंपल को आईवीआरआई (IVRI) सेंटर बरेली भेज दिया गया है.

2018 में ओरमांझी चिड़ियाघर में हुआ था सरस्वती का जन्मः जानकारी के अनुसार सरस्वती को जन्म अनुष्का नाम की बाघिन ने दिया था. सरस्वती के पिता का नाम मलिक था. अनुष्का और मलिक को बेंगलुरु से रांची के चिड़ियाघर लाया गया था. सरस्वती का जन्म वर्ष 2018 में रांची के चिड़ियाघर में हुआ था. बाघिन अनुष्का और बाघ मलिक के दो बच्चे थे. जिसका नाम लक्ष्मी और सरस्वती था. तत्कालीन वन अधिकारी पीसीसीएफ हॉफ पीके वर्मा ने लक्ष्मी और सरस्वती का नामकरण किया था. जब सरस्वती का नामकरण हुआ था तो चिड़ियाघर में खुशियां मनाई गई थीं. वहीं 5 साल 10 महीने की उम्र पूरी करने के बाद सरस्वती की मौत हो गई.

चिड़ियाघर के कर्मियों में छाई मायूसीःसरस्वती की मौत से चिड़ियाघर में मायूसी छाई हुई है. बता दें कि ओरमांझी के बिरसा मुंडा चिड़ियाघर में 1500 प्रकार के जीव-जंतु हैं. जिसमें शेर, हिरण और सांप के साथ कई प्रकार की पक्षी भी शामिल हैं. सरस्वती नाम की बाघिन की मौत के बाद अब कुल छह बाघिन और दो बाघ चिड़ियाघर में बचे हैं.

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