रांची: हिंदपीढ़ी से तीन नाबालिग के लापता होने की सूचना पर पूरे जिले की पुलिस परेशान रही. राज्य के डीजीपी को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा तब घटना के दूसरे दिन पता चला कि जिन बच्चों को लापता समझा जा रहा है वह रातू थाने में बकरी चोरी के आरोप में पकड़े गए हैं. रातू थाना प्रभारी के लापरवाही की वजह से पूरे जिले की पुलिस रात भर परेशान रही.
रातू थानेदार की लापरवाही पड़ी भारी
नाबालिगों के पकड़े जाने के बाद रातू थानेदार राजीव रंजन लाल की लापरवाही से जिले की पुलिस और नाबालिगों के परिजन परेशान रहे. नाबालिग बीते रविवार की सुबह ही घर से निकले थे. देर शाम तक नहीं लौटने पर परिजनों ने हिंदपीढ़ी थाने की पुलिस को सूचना दी. इसके बाद पुलिस ने लगातार टेट्रा वायरलेस सेट पर सूचना फ्लैश किया. लगातार बच्चों के संबंध में जानकारी ली जाती रही, लेकिन रातू थाने की पुलिस की तरफ से इस सूचना पर न संज्ञान लिया गया और न ही किसी तरह का कोई जवाब दिया गया. यहां तक कि नाबालिगों के पकड़े जाने के बाद उनके परिजनों तक को सूचित नहीं किया गया. मामले में जब डीजीपी एमवी राव को परिजनों की ओर से ट्वीट किया गया तो इसके बाद डीजीपी ने रांची के एसएसपी को नाबालिगों को ढूंढने का आदेश दिया. इसके बाद रातू थानेदार की नींद खुली और बच्चों के संबंध में सोमवार की सुबह जानकारी दी. इसके बाद परिजन रातू थाना पहुंचे और राहत की सांस ली. हालांकि, नाबालिगों को रातू थाने की पुलिस की तरफ से सिमलिया से बकरी चोरी करने के आरोप में बाल सुधार गृह भेजा गया है.
पीएम दौरे के दौरान थे गायब
रातू थाना प्रभारी राजीव रंजन लाल पर इस तरह के आरोप लगातार लगते रहे हैं. इस तरह की लापरवाही उनके तरफ से आम रही है, जब वे अरगोड़ा थाना प्रभारी हुआ करते थे उस दौरान वे अपना मोबाइल बंद रखकर गायब थे. उस समय जबकि प्रधानमंत्री का रांची दौरा होना था. रांची के तत्कालीन एसएसपी ने उन्हें थाने से यह कहते हुए हटा दिया था कि वे ट्रेसलैस हैं.