रांची: झारखंड में सीट शेयरिंग का मुद्दा फाइनल होने में अब चंद दिन ही बचे हैं, लेकिन अभी भी राज्य में सीट शेयरिंग का मुद्दा काफी उलझा हुआ दिख रहा है. 14 लोकसभा सीट वाले प्रदेश में कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय जनता दल, जदयू, आम आदमी पार्टी, सीपीआई माले, सी.पी.एम., सीपीआई, मासस I.N.D.I.A के हिस्सा हैं. जाहिर है कि सभी की अपनी अपनी चुनावी महत्वाकांक्षाएं हैं. ऐसे में राज्य में इंडिया दलों के बीच का सीट शेयरिंग का सफर आसान नहीं दिखता. खासकर तब जब राज्य के सबसे बड़े सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा की नजर कांग्रेस की विनिंग सीट पर भी हो.
झारखंड I.N.D.I.A में शामिल अलग अलग दलों के दावे:2019 में महागठबंधन के साथ मिलकर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 04 लोकसभा सीट राजमहल, दुमका, गिरिडीह और जमशेदपुर सीट पर चुनाव लड़ा था. लेकिन इस बार झारखंड मुक्ति मोर्चा की चुनावी इच्छाएं बढ़ी हुई है. कांग्रेस के लिए चिंता की बात यह है कि सिंहभूम लोकसभा सीट पर भी झामुमो की नजर जाकर अटक गई है, जो कांग्रेस की एकमात्र विनिंग सीट है. कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष गीता कोड़ा राज्य से एक मात्र लोकसभा सांसद भी सिंहभूम सीट से ही हैं.
दिल्ली जाने से पहले शिबू परिवार के बेहद करीबी और पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्या ने भी साफ शब्दों में यह कहा कि न सिर्फ झारखंड बल्कि अन्य पांच राज्यों बिहार, बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और असम में भी उन्हें INDIA गठबंधन के अंदर सीट चाहिए. झारखंड में तो सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र के छह में से पांच विधायक झामुमो के हैं. इसी तरह लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र में तीन विधायक झामुमो के हैं तो खूंटी लोकसभा क्षेत्र में 02 विधायक झामुमो के हैं, इस तरह इन लोकसभा सीटों पर झामुमो का मजबूत दावा बनता है.
झारखंड की राजनीति पर पैनी नजर रखने वाले पत्रकार मनोज कुमार कहते हैं कि झामुमो के दावे को इस संदर्भ में देखा जाना चाहिए कि आज की तारीख में वह विधायकों की संख्या के हिसाब से सबसे बड़ी पार्टी है. 29 विधायक वाला दल लोकसभा चुनाव में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाना ही चाहेगा. उन्होंने कहा कि झामुमो इस रणनीति पर आगे बढ़ रहा है कि वह इंडिया गठबंधन में दवाब बनाकर कुछे अधिक सीटें पा ले.
वहीं, राजनीतिक पत्रकार सतेंद्र सिंह कहते हैं कि एक समय में जमशेदपुर और सिंहभूम दोनों सीट पर झामुमो के सांसद रहे हैं. जमशेदपुर से शैलेन्द्र महतो और सिंहभूम लोकसभा से कृष्णा मार्डी सांसद रहे हैं, ऐसे में झामुमो की इच्छा सिंहभूम सीट पर भी प्रत्याशी खड़ा करने की हो सकती है. लेकिन यह आसान नहीं है क्योंकि सिंहभूम लोकसभा सीट कांग्रेस की विनिंग सीट है.
राजद की भी बढ़ी हुई हैं ख्वाइशें:झारखंड में लोकसभा चुनाव को लेकर सिर्फ झामुमो की ख्वाइशें ही नहीं बढ़ी हुई है. लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल भी कोडरमा, पलामू, चतरा और गोड्डा पर दावेदारी ठोक रखा है. 2019 में इसमें से तीन सीटें कोडरमा, चतरा और गोड्डा कांग्रेस के कोटे की सीट थी, जिसमें से दो सीटें कोडरमा और गोड्डा तब कांग्रेस ने बाबूलाल मरांडी की पार्टी JVM(P) को दे दी थी. जाहिर है कि कांग्रेस के लिए राज्य में राजद की मांग भी सिरदर्द की तरह है.