रांची:25 जुलाई से सावन का महीना शुरू होने जा रहा है और इस बार भी इस बात को लेकर असमंजस है कि कोरोना संकट के बीच देवघर का बाबा मंदिर भक्तों के लिए खुलेगा या नहीं. पिछली बार कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद कुछ शर्तों के साथ थोड़ी छूट दी गई थी. लेकिन, कोरोना की दूसरी लहर में हुई भारी तबाही के बाद सरकार फूंक-फूंककर कदम रख रही है. दो दिन पहले अनलॉक-5 के लिए जारी गाइडलाइन में सरकार ने सभी मंदिरों को आम लोगों के लिए अभी बंद रखने का निर्णय लिया है. श्रावणी मेला को लेकर भी कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
सावन का महीना 25 जुलाई से 22 अगस्त तक चलेगा. मंदिर को लेकर सरकार की तरफ से कोई निर्णय नहीं लिए जाने के कारण श्रद्धालु असमंजस में हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि बाबा धाम जाने के लिए श्रद्धालु कुछ दिनों पहले ही तैयारी शुरू कर देते हैं. जुलाई का महीना शुरू होते ही यह सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि क्या इस बार भी बाबा के दर्शन के लिए भक्तों को अदालत का दरवाजा खटखटना पड़ेगा.
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मुख्यमंत्री से मंदिर खोलने का आग्रह
गुरुवार को पंडा धर्मरक्षणी सभा के शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री मुलाकात की और मंदिर खोलने के संबंध में जल्द निर्णय लेने का आग्रह किया. शिष्टमंडल ने लॉकडाउन में बाबा मंदिर से जुड़े पंडा समाज और दुकानदारों की लचर आर्थिक स्थिति से अवगत कराते हुए मुख्यमंत्री को घोषणा के अनुरूप विशेष सहायता पैकेज मुहैया कराने का आग्रह किया. पंडा धर्मरक्षिणी सभा ने मुख्यमंत्री से बाबा बैद्यनाथ मंदिर को खोलने का आग्रह करते हुए कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरा पालन कर सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को मंदिर में पूजा और जल अर्पण करने की अनुमति देने की दिशा में विचार करने का आग्रह किया.
कोरोना के आंकलन के बाद मंदिर खोलने पर होगा विचार
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा के आशीर्वाद से कोरोना को नियंत्रित करने में कामयाबी मिली है लेकिन खतरा अभी टला नहीं है. ऐसे में कोरोना से संबंधित सभी बातों का आंकलन करने के बाद मंदिर खोलने पर निर्णय किया जा सकेगा. फिलहाल सरकार का पूरा ध्यान कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं के लिए मंदिर बंद रहने से पंडा समाज समेत देवघर के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पंडा समाज को सहयोग करने की दिशा में सरकार कई कदम उठा रही है ताकि उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े.