रांची: झारखंड कांग्रेस कार्यालय में जिस तरह से पार्टी के बड़े नेताओं के समर्थक आपस में भिड़ रहे हैं, उससे ये तो साफ हो गया है कि झारखंड कांग्रेस टुकड़ों में बंट चुका है. झारखंड कांग्रेस में गुटबाजी कोई नई बात नहीं है. इससे पहले भी कांग्रेस कार्यालय में कई बार वर्चस्व की लड़ाई में गोली तक चल चुकी है.
कांग्रेस कार्यालय में झड़प डॉ अजय कुमार के आक्रामक तेवर
झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ अजय कुमार पिछले कुछ दिनों से अपने विरोधियों के खिलाफ आक्रामक तेवर अपनाए हुए हैं. समय समय पर उनके खिलाफ बोलने से कतराते भी नहीं है. गुरुवार को भी डॉ अजय ने कांग्रेस के कद्दावर नेता सुबोध कांत सहाय का नाम लेकर उनपर हमला बोला.
कोयला चोर से सीखने की जरूरत नहीं
डॉ अजय कुमार ने कहा कि कांग्रेस किसी के बाप की पार्टी नहीं है. कोयला चोर और जिनका नाम कई बार सीबीआई की जांच में आ चुका है, उनसे मुझे राजनीति सीखने की जरूरत नहीं है.
प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार अपने परिवार के लोगों के चाहिए टिकट
झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष अपने विरोधियों पर हमला करते हुए कहते हैं कि जो भी मेरा विरोध करते हैं. उन्हे उनके बेटे, बेटी या परिवार के सदस्यों के लिए विधानसभा में टिकट चाहिए, जबकि मैं जीतने वाले कैडिडेट को तवज्जो दूंगा.
इनके रिश्तेदारों को चाहिए टिकट
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय अपने भाई सुनील सहाय को हटिया विधानसभा सीट से टिकट दिलाना चाहते हैं, जबकि रांची से भी वो सुरेंद्र सिंह के लिए लॉबिंग कर रहे हैं. वहीं प्रदीप बलमुचू भी अपनी बेटी सिंड्रेला बलमुचू के लिए टिकट चाह रहे हैं. इधर ददई दुबे खुलकर बोल रहे हैं कि उनके बेटे अजय दुबे को टिकट दिया जाए, वो जीतने वाले कैंडिडेट हैं. इधर मन्नान मिलक भी अपने बेटे हन्नान मलिक के लिए टिकट चाह रहे हैं.
सुबोध कांत सहाय, ददई दुबे, प्रदीप बलमुचू कौन-कौन कर रहे हैं विरोध
झारखंड कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, झारखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और आदिवासियों के बड़े नेता प्रदीप बलमुचू और पूर्व मंत्री ददई दुबे पिछले कुछ दिनों से डॉ अजय कुमार की कार्यशैली को लेकर विरोध कर रहे हैं. ये लोग लगातार उनके खिलाफ बयान भी देते रहे हैं. एक और पूर्व मंत्री मन्नान मलिक ने भी धनबाद में कांग्रेस की हार का ठिकरा डॉ अजय कुमार पर फोड़ दिया था. ये लोग आलाकमान तक अपनी बात पहुंचा चुके हैं.
दिल्ली दरबार में शिकायत
प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय का खुलकर विरोध करने वाले सुरेंद्र सिंह और राकेश सिन्हा का कहना है कि गैर कांग्रेसी अध्यक्ष पार्टी को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि डॉ अजय अपने गुट के माध्यम से कांग्रेसी नेताओं की आवाज को दबाने का प्रयास कर रहे हैं. ये लोग पिछले कुछ दिनों से प्रदेश अध्यक्ष के विरोध में अभियान चला रहे हैं. ये सभी सुबोध कांत सहाय गुट के आदमी माने जाते हैं. इन्होंने दिल्ली दरबार में जाकर डॉ. अजय की शिकायत भी की है.
दिल्ली दरबार में झारखंड कांग्रेस के नेता दिल्ली में कीर्ति आजद की चर्चा
दिल्ली के गलियारे में कीर्ति आजाद को झारखंड की कमान सौंपने की चर्चा है. कीर्ति को लेकर ये तर्क दिया जा रहा है कि कांग्रेस का राज्य में जेएमएम और जेवीएम से गठबंधन है इसलिए कांग्रेस को आदिवासियों का वोट तो मिलेगा ही, जबकि मुस्लिम मतदाता तो कांग्रेस के साथ हैं ही. ऐसे में अपर कास्ट के वोट को अपनी ओर करने के लिए उन्हें झारखंड कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जा सकता है.