रांची: झारखंड के पलामू के चर्चित बकोरिया मुठभेड़ कांड की जांच में सीबीआई की टीम पूरी तरह से रेस है. सीबीआई दिल्ली की स्पेशल सेल की टीम ने बीते तीन महीनों में कथित मुठभेड़ में मारे गए लोगों के परिजनों का बयान लिया है. बयान में मृतकों के परिजनों ने कई चौकानें वाली बातें सीबीआई को बताई हैं.
सीबीआई ने अब मुठभेड़ कांड में पुलिस के साथ-साथ उग्रवादी संगठन जेजेएमपी की भूमिका को लेकर भी जांच शुरू कर दी है. बता दें कि आठ जून 2015 की रात पलामू के सतबरवा ओपी के बकोरिया में कथित पुलिस मुठभेड़ में माओवादी डॉ. अनुराग समेत 12 लोग मारे गए थे. मृतकों में एक पारा टीचर उदय यादव भी थे. उदय के परिजनों की याचिका पर सुनवाई के बाद झारखंड हाईकोर्ट ने मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. सीबीआई ने 19 नवंबर को इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी. कांड के अनुसंधानक एएसपी डीके राय हैं.
क्या बताया परिजनों ने
मारे गए पारा टीचर उदय यादव के पिता जवाहर यादव ने सीबीआई को 8 जून के घटनाक्रम की जानकारी दी है. जवाहर यादव ने सीबीआई को बताया है कि नक्सलियों के साथ उदय की कोई सांठगांठ नहीं थी. उसे घर से उठाकर ले जाया गया था. बाद में उदय को मार दिया गया. वहीं, एक मृत नाबालिग के पिता ने भी बताया है कि उनके बच्चे को रास्ता दिखाने के लिए कुछ लोग उठा ले गए थे. बाद में कथित मुठभेड़ में उसे मार दिया गया.
अनुराग छोड़ किसी के नक्सली होने का सबूत नहीं
सीबीआई को डॉ. अनुराग छोड़ किसी भी अन्य के नक्सली संगठन से जुड़े होने का कोई सबूत नहीं मिला है. डॉं. अनुराग के खिलाफ झारखंड पुलिस ने ईनाम भी रखा था, लेकिन बाकी मृतकों के अनुराग के दस्ते से जुड़े होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं. मृतकों में शामिल डॉ. अनुराग के बेटे और भतीजे का भी कोई नक्सल रिकॉर्ड नहीं रहा है.
पुलिस अधिकारियों का बयान लेगी सीबीआई
सीबीआई ने अब तक इस मामले में पलामू के तात्कालिक डीआईजी हेमंत सोरेन का बयान लिया है. सीबीआई जल्द ही इस मामले में पलामू के सदर थानेदार रहे हरीश पाठक, एडीजी सीआईडी रहे रेजी डुंगडुंग, पलामू के तात्कालिक एसपी कन्हैया मयूरपटेल, लातेहार के तात्कालिन एसपी अजय लिंडा का भी बयान लेगी.