रांचीः हेमंत सोरेन सरकार 29 दिसंबर को 4 साल पूरा करने जा रही है. विगत चार सालों में सरकार के कामकाज का आकलन किया जा रहा है. सत्ता पक्ष जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही सरकार के चार साल को उपलब्धि भरा बताने में जुटा है, वहीं विपक्ष फ्लॉप शो बताकर हमला बोलने में लगा हुआ है.
भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था और रोजगार जैसे तीन ऐसे मुद्दे रहे जो विगत चार सालों में सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहे. अवैध खनन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के गिरफ्तार होने के बाद विपक्ष और भी हमलावर होता रहा. ईडी की लगातार 6 नोटिस के बाद भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ईडी के समक्ष उपस्थित नहीं होने पर बीजेपी सवाल खड़ी करती रही. हालांकि सत्तापक्ष, विपक्ष के हमले को नाकाम करने में अब तक सफल रहा है. अपनी सरकार की उपलब्धि गिना रहे मंत्री चंपई सोरेन कहते हैं कि चार सालों में दो साल कोरोना की वजह से कामकाज प्रभावित रहा. शेष बचे दो सालों में जिस तरह से काम हुआ उससे विपक्ष के अंदर बेचैनी है. कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ हो या रांची शहर में फ्लाईओवर जैसी सुविधा. ये सभी उपलब्धि हेमंत सरकार की है. 23 वर्षों में 18 साल भाजपा ने यहां शासन चलाया, मगर राज्य का विकास कितना हो पाया यह सब जानते हैं.
आरोप पत्र के जरिए विपक्ष गिनाेगा हेमंत सरकार की खामीःहेमंत सोरेन सरकार के चार साल के कामकाज को फ्लॉप शो बताते हुए बीजेपी आरोप पत्र लाने की तैयारी में है. 29 दिसंबर के मौके पर पार्टी सरकार की विफलता को गिनाने का काम करेगी. बीजेपी विधायक अमित मंडल कहते हैं कि सरकार ने जनता का विश्वास खो दिया है. जिस भरोसे से पांच लाख युवाओं को नौकरी देने का वादा किया गया था उसे पूरा करने के बजाय सरकार ने जनता को धोखा देने का काम किया है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इन दिनों आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम के तहत जिलों का दौरा कर रहे हैं, जहां उन्हें वास्तविक स्थिति का पता चल रहा है. गोड्डा दौरे के क्रम में मुख्यमंत्री जब लोगों से योजना के लाभ के बारे में पूछा तो उन्हें वास्तविक स्थिति का पता चल गया. अबुआ आवास योजना इस सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है, मगर यह कैसे सीमित समय में कैसे पूरा होगा, यह अनुमान लगाया जा सकता है. कुल मिलाकर आवेदन लेकर जनता को फिर धोखा देने में सरकार जुटी हुई है. बहरहाल विपक्ष सरकार की खामियों को उजागर करने में जुटा है और सत्ता पक्ष विपक्ष के आरोप को साजिश बताकर बचाव करने में लगा है.