रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर मनरेगा के तहत लाभुकों को मिलने वाली राशि समय पर उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाया है. झारखंड मंत्रालय में ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने इस दौरान विभाग के द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दे रही है. इसके तहत मनरेगा से जुड़ी योजनाएं झारखंड के लिए काफी मायने रखती है मगर विडंबना यह है कि केंद्र सरकार के द्वारा समय से राज्य सरकार को राशि उपलब्ध नहीं करायी जाती है जिस वजह से लाभुकों को पैसे समय पर नहीं मिल पाते हैं. उन्होंने इस मामले को 12 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक में उठाने की बात कही है.
झारखंड ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद की समीक्षा बैठक:झारखंड मंत्रालय में गुरुवार को राज्य ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद की हुई समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावे ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, सदस्य के तौर पर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, सचिव मनीष रंजन, कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीकी, सचिव प्रशांत कुमार, मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी सहित सभी पांचों प्रमंडल के आयुक्त के अलावे बिरसा कृषि विश्वविद्यालय रांची के प्रतिनिधि उपस्थित थे.
राज्य ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद की बैठक, सीएम हेमंत सोरेन ने केन्द्र पर पैसा समय पर नहीं मुहैया कराने का लगाया आरोप - झारखंड न्यूज
मनरेगा के तहत केन्द्र से समय से पैसा नहीं मिलने का मुद्दा नीति आयोग की बैठक में उठेगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य ग्रामीण रोजगार परिषद की बैठक में मामला सामने आने के बाद नाराजगी जताते हुए ये बातें कहीं हैं.
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने जहां बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत 50000 एकड़ जमीन पर फलदार वृक्ष लगाने का निर्देश दिया. वहीं, मनरेगा के तहत जिला कार्यक्रम समन्वयक की जिम्मेदारी जिलों के उपायुक्तों को देने के प्रस्ताव पर सहमति प्रदान की. बैठक में राज्य ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद की हर तीन माह पर बैठक करने का निर्णय लिया गया. वहीं, चूआं और छोटे-छोटे झरने के पानी की स्टोरेज कैपेसिटी बढ़ाने और उसके समुचित इस्तेमाल के लिए कार्य योजना बनाने का अधिकारियों को निर्देश दिया गया.