रांची:झारखंड में सक्रिय नक्सलियों के आधा दर्जन स्प्लिंटर ग्रुप झारखंड पुलिस के राडार पर है (Splinter group of Naxalites). टारगेट बेस्ड अभियान चला कर टीपीसी, पीएलएफआई, जेजेएमपी जैसे स्प्लिंटर ग्रुप पर नकेल कसा जा रहा है, इसी तरह के अभियान में 21 नवंबर को झारखंड के लातेहार में उग्रवादी संगठन जेजेएमपी के तीन उग्रवादी पुलिस इनकाउंटर में मारे गये गए थे.
ये भी पढ़ें:लातेहार पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, तीन नक्सली ढेर
2022 में अब तक 321 गिरफ्तार, 5 मारे गए:साल 2022 में झारखंड पुलिस के द्वारा कुल 361 उग्रवादियों की गिरफ्तारी हुई, जिनमें से 321 गिरफ्तार तो टीपीसी, पीएलएफआई और जेजेएमपी जैसे स्प्लिंटर ग्रुप के कैडर थे. इनमें से कई की गिरफ्तारी भी हुई थी, अभियान के दौरान पीएलएफआई का जुगेश कुमार यादव, टीपीसी का विकास गंझू, कार्तिक जी और भैरव गंझू जैसे इनामी उग्रवादी सलाखों के पीछे पहुंचा दिए गए. वहीं पुलिस अभियान में साल 2022 में पीएलएफआई के लाखा पहन, जितेंद्र यादव, गोविंद कामदेव और राजेश उरांव जैसी इनामी उग्रवादियों को इनकाउंटर में मार गिराया गया.
टारगेट बेस्ड अभियान जारी:झारखंड पुलिस के प्रवक्ता सह आईजी अभियान अमोल वी होमकर के अनुसार झारखंड पुलिस का अभियान लगातार जारी है, मुख्य फोकस भाकपा माओवादियों पर है, लेकिन स्प्लिंटर ग्रुप पर भी लगातार बड़ी कार्रवाई की जा रही है. सोमवार को ही लातेहार में पुलिस मुठभेड़ में उग्रवादी संगठन जेजेएमपी के 3 सदस्य मारे गए थे. जिनके पास से तीन उम्दा हथियार भी बरामद किए गए. आईजी अभियान के अनुसार राज्य की इंटेलिजेंस एजेंसी लगातार ऐसे संगठन पर करवाई को लेकर सूचनाओं का आदान प्रदान कर रही है, झारखंड पुलिस सीआरपीएफ के साथ-साथ दूसरी एजेंसियां भी छोटे ग्रुप के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं. छोटे नक्सली संगठनों को लेकर पुलिस ने अपने प्लान में भी बदलाव किया है अब टारगेट बेस्ट करके या अभियान चलाए जा रहे हैं. पूरी जानकारी मिलने के बाद ही ऐसे लोगों को चिन्हित कर और फिर उनकी घेराबंदी कर आगे की कार्रवाई की जा रही है. यही वजह है कि लगातार पुलिस को ऐसे संगठनों के खिलाफ भी सफलताएं हासिल हो रही है.
एमएचए की रिपोर्ट में भी बताया गया है खतरनाक:एमएचए (मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स) के अनुसार राज्य में लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिज्म मामले में भाकपा माओवादी से अलग हुए छोटे छोटे ग्रुप ज्यादा खतरनाक साबित हो रहे हैं. मुख्य रूप से राजधानी रांची समेत गढ़वा, लातेहार, चतरा, हजारीबाग, खूंटी, लोहरदगा और पलामू ऐसे जिले हैं जहां इन छोटे छोटे ग्रुप्स का प्रभाव है. इन ग्रुप में पीएलएफआई और टीपीसी जैसे नाम हैं जो लेवी वसूलने और हत्या हैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं. गृह मंत्रालय ने इन छोटे संगठनों को टारगेट करने की सलाह दी थी. हालांकि झारखंड पुलिस के द्वारा ऐसे संगठनों के खिलाफ लगातार अभियान जारी है जिनमें छोटे संगठनों को भी भारी नुकसान पहुंचा है.