रांची: एक तो बारिश का मौसम, ऊपर से मेले की भीड़. दोनों वजहों से रांची के धुर्वा स्थित जगन्नाथपुर इलाके के बस्तियों के लोग कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं. दरअसल धुर्वा के जगन्नाथपुर इलाके में लगने वाला रथ मेला काफी भव्य होता है. इस मेले में सिर्फ राजधानी के लोग ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों और राज्यों के लोग भी शामिल होते हैं. 10 दिनों तक लगने वाले मेले में लाखों लोग शामिल होते हैं, जिस वजह से इन क्षेत्रों में गंदगी का अंबार लग जाता है. जिसकी वजह से डायरिया, कोलोरा, डिसेंट्री, मलेरिया जैसी बीमारी के लोग शिकार होते हैं.
मेले के साइ़ड इफेक्ट्सः गंदगी का लगा अंबार, बढ़ रहा बीमारी का खतरा
रांची के धुर्वा स्थित जगन्नाथपुर में हर साल रथ मेला लगता है. जहां लाखों की भीड़ उमड़ती है. जिससे क्षेत्र में काफी चहल-पहल रहती है. जहां मेले से इलाके में रौनक रहती है. वहीं मेला के बाद पसरी गंदगी से वहां के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
स्थानीय गणेश शाहू बताते हैं कि 10 दिनों तक लगने वाले मेले में लाखों लोग आते हैं. जिस वजह से यहां पर गंदगी का अंबार लग जाता है. मेला खत्म होने के बाद गंदगी को समाप्त करना नगर निगम और स्थानीय लोगों के लिए चुनौती हो जाती है. इस वर्ष भी स्थिति वही है. हालांकि इस वर्ष नगर निगम के कर्मचारी समय समय पर आकर साफ सफाई कर रहे हैं लेकिन यह काफी नहीं है. वहीं न्यू कॉलोनी के रहने वाले राम गोप बताते हैं कि हर साल मेला खत्म होने के बाद बारिश होती है. जिस कारण मेले में पसरी हुए गंदगी बीमारी का कारण बन जाती है. स्थानीय लोगों के द्वारा कई बार यह सुझाव दिया गया कि मेला के दौरान साफ-सफाई को बेहतर बनाया जाए ताकि मेला समाप्त होने के बाद महामारी की समस्या से लोगों को ना जूझना पड़े.