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मेले के साइ़ड इफेक्ट्सः गंदगी का लगा अंबार, बढ़ रहा बीमारी का खतरा

रांची के धुर्वा स्थित जगन्नाथपुर में हर साल रथ मेला लगता है. जहां लाखों की भीड़ उमड़ती है. जिससे क्षेत्र में काफी चहल-पहल रहती है. जहां मेले से इलाके में रौनक रहती है. वहीं मेला के बाद पसरी गंदगी से वहां के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

side effects of Jagannathpur Mela in ranchi
side effects of Jagannathpur Mela in ranchi

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Published : Jul 3, 2022, 6:08 PM IST

Updated : Jul 3, 2022, 6:28 PM IST

रांची: एक तो बारिश का मौसम, ऊपर से मेले की भीड़. दोनों वजहों से रांची के धुर्वा स्थित जगन्नाथपुर इलाके के बस्तियों के लोग कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं. दरअसल धुर्वा के जगन्नाथपुर इलाके में लगने वाला रथ मेला काफी भव्य होता है. इस मेले में सिर्फ राजधानी के लोग ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों और राज्यों के लोग भी शामिल होते हैं. 10 दिनों तक लगने वाले मेले में लाखों लोग शामिल होते हैं, जिस वजह से इन क्षेत्रों में गंदगी का अंबार लग जाता है. जिसकी वजह से डायरिया, कोलोरा, डिसेंट्री, मलेरिया जैसी बीमारी के लोग शिकार होते हैं.



स्थानीय गणेश शाहू बताते हैं कि 10 दिनों तक लगने वाले मेले में लाखों लोग आते हैं. जिस वजह से यहां पर गंदगी का अंबार लग जाता है. मेला खत्म होने के बाद गंदगी को समाप्त करना नगर निगम और स्थानीय लोगों के लिए चुनौती हो जाती है. इस वर्ष भी स्थिति वही है. हालांकि इस वर्ष नगर निगम के कर्मचारी समय समय पर आकर साफ सफाई कर रहे हैं लेकिन यह काफी नहीं है. वहीं न्यू कॉलोनी के रहने वाले राम गोप बताते हैं कि हर साल मेला खत्म होने के बाद बारिश होती है. जिस कारण मेले में पसरी हुए गंदगी बीमारी का कारण बन जाती है. स्थानीय लोगों के द्वारा कई बार यह सुझाव दिया गया कि मेला के दौरान साफ-सफाई को बेहतर बनाया जाए ताकि मेला समाप्त होने के बाद महामारी की समस्या से लोगों को ना जूझना पड़े.

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वहीं हमने जब पूरे मामले पर जगन्नाथपुर इलाके के वार्ड पार्षद पप्पू सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि निश्चित रूप से मेले के बाद महामारी बहुत बड़ी समस्या होती है. उनके तरफ से नगर निगम के मेयर, डिप्टी मेयर और नगर निगम के अधिकारियों को बार-बार कहा जा रहा है कि साफ-सफाई की मुकम्मल व्यवस्था कराई जाए. उन्होंने बताया कि वर्तमान में जो व्यवस्था दी गई है वह पर्याप्त नहीं है. जरूरत है कि मेले के दौरान ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को इस इलाके में तैनात किया जाए ताकि मेले के बाद गंदगी के निष्पादन की समस्या वार्ड में ना दिखे.वही ईटीवी भारत की टीम ने जब इलाके का जायजा लिया तो हमने भी देखा कि मेले के तीसरे दिन ही आसपास इलाके में गंदगी पसरी हुई थी. जिस वजह से लोग परेशान दिख रहे थे. गौरतलब है कि जगन्नाथपुर इलाके में कई ऐसे छोटे-मोटे मोहल्ले हैं, जहां पर झुग्गी झोपड़ी है. वैसी जगहों की साफ सफाई के पैमाने को और भी बेहतर रखना पड़ता है ताकि बीमारियों को फैलने से रोका जा सके. ऐसे में जरूरत है कि नगर निगम और जिला प्रशासन जगन्नाथपुर इलाके के सभी वार्डों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें ताकि हर वर्ष की तरह इस वर्ष इन क्षेत्रों के लोगों को बीमारियों से ना जूझना पड़े.
जायजा लेते संवाददाता हितेश
Last Updated : Jul 3, 2022, 6:28 PM IST

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