गोरखपुर: ये शिवाजी का दौर था और हिंदू साम्राज्य की स्थापना का सपना, लेकिन समस्या थी जातिवाद और छुआछूत. इसकी वजह से हिंदू एक नहीं हो पा रहे थे, ताकि मुगलों और निजामों के खिलाफ खड़े हो सकें. ऐसे ही समय में शिवाजी महाराज ने महाराष्ट्र भर में गणपति की झांकियां निकलवाईं, जिसमें ब्राह्मण और गैर ब्राह्मण एक साथ गणपति की स्थापना करते थे.
जब सड़कों पर उतरे बप्पा मोरया
पेशवाओं के दौर में गणपति महोत्सव मराठा साम्राज्य का राजकीय पर्व रहा. यही वह दौर था जब घरों में पूजे जाने वाले गणेश गणपति बप्पा मोरया के जयकारों के साथ सड़कों पर उतर आए. शिवाजी जो खुद भी महाराष्ट्र की नीची जातियों से आते थे ने जातिवाद और छुआछूत को दूर करने के लिए भगवान श्रीगणेश की शरण ली. इसका असर भी दिखा और लोगों में मराठा होने का भाव जगा.