रांची: लोहरदगा के बाद रांची के इटकी में भी बेकाबू हाथियों का आतंक देखने को मिला. मंगलवार की सुबह करीब 6:00 बजे एक बेकाबू हाथी इटकी प्रखंड के गांवों में प्रवेश कर गया. जिसके बाद उसने कई ग्रामीणों की जान ले ली. घटना के बाद रांची के अनुमंडल दंडाधिकारी ने पूरे इटकी प्रखंड में धारा 144 लगा दी है.
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मंगलवार को हुई इस घटना में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है. शवों का पोस्टमार्टम मंगलवार देर रात तक किया गया. वहीं एक घायल का इलाज रिम्स के न्यू ट्रॉमा सेंटर में चल रहा है. मरनेवाले में सुखवीर उरांव, गोइंदा उरांव, राधा देवी और पुनई उरांव है, जबकि घायल एतवा उरांव जिंदगी और मौत से जूझ रहा है. इससे पहले राधा देवी का भी रिम्स में ही इलाज किया जा रहा था, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके. हाथी के शिकार हुए सभी ग्रामीण गढ़गांव के चचगुरा, करमटोली और बोरियों बस्ती के रहने वाले थे.
मृतक के परिजनों ने बताया कि सुबह में लोग अपने नित्य क्रिया को लेकर खेत खलियान में मौजूद थे. इसी दौरान एक बेकाबू हाथी गांव में पहुंचा और कई लोगों को जख्मी कर दिया. उन्होंने बताया कि इटकी के कई गांव ऐसे हैं, जो पूरी तरह से जंगलों से घिरे हुए हैं और वहां पर आए दिन जंगली जानवर पहुंचते रहते हैं. ऐसे में वन विभाग को समय-समय पर निगरानी करते रहना चाहिए और लोगों की सुरक्षा के लिए उन्हें विशेष ट्रेनिंग देनी चाहिए, ताकि इस तरह की परिस्थिति में स्थानीय लोग अपनी जान बचा सकें. वहीं, घटना के बाद वन विभाग की तरफ से पूरे क्षेत्र में निगरानी बनाकर रखी गई है, ताकि किसी भी ग्रामीण को कोई परेशानी ना हो.
मृतकों के परिजनों ने मांग की है कि जिस तरह से जंगली क्षेत्र में हाथियों का आतंक आए दिन बढ़ता जा रहा है. जिला प्रशासन उन क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाए. साथ ही मृतक के परिजनों को जल्द से जल्द मुआवजा मुहैया कराए. वहीं घायल एतवा उरांव के स्वास्थ्य का हाल जानने के लिए पूर्व मंत्री बंधु तिर्की रिम्स पहुंचे थे. जहां उन्होंने डॉक्टरों से बातचीत कर घायल को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने की बात कही. गौरतलब है कि हाथियों के आतंक की वजह से झारखंड में आए दिन लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है. दो दिन पहले ही लोहरदगा में पांच लोग हाथियों के आतंक का शिकार हो गए और उनकी जान चली गई.