रांचीः राजधानी के बीआईटी ओपी में मुंशी के पद पर तैनात दीपक पटेल के शव का पोस्टमार्टम करवाकर उनके परिजनों को सौंप दिया गया. बीआईटी थाने में मुंशी के पद पर दीपक पिछले 2 सालों से काम कर रहे थे. शुक्रवार की दोपहर उन्होंने अपने ही कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.
भाई पहुंचा था शव लेने
शनिवार की सुबह दीपक पाटिल का शव रिम्स के पोस्टमार्टम हाउस लाया गया. जहां उनका पोस्टमार्टम करवाया गया. पोस्टमार्टम हाउस में दीपक के परिजन उनका शव लेने के लिए पहुंचे हुए थे. हालांकि उन्होंने दीपक के बारे में मीडिया से किसी भी तरह की बात नहीं की. दीपक का शव लेने पहुंचे उनके भाई प्रकाश पटेल ने भी अपने भाई के बारे में कोई बात नहीं की. मौके पर पहुंचे झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष राम अवतार ने बताया कि दीपक का संस्कार जमशेदपुर में ही किया जाएगा. मेंस एसोसिएशन की तरफ से आर्थिक सहायता भी परिवार के लोगों को दी गई है.
मानसिक तनाव में थे दीपक
जानकारी के अनुसार दीपक पिछले 2 महीने अवसाद में चल रहे थे. उनका पारिवारिक जीवन काफी कलह था. बताया जा रहा है कि इसी की वजह से उन्होंने अपने ही थाने के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया.
पत्नी से बात करते करते लगा ली थी फांसी
आत्महत्या के पहले मुंशी ने अपनी पत्नी से बातचीत की थी. ऊपर के पॉकेट पर ही दीपक ने अपना मोबाइल रखा था. उसमें इयरफोन भी लगा था. बातचीत करने के बाद ही थाना परिसर स्थित अपने कमरे का दरवाजा बंद कर दीपक फंदे से झूल गए थे. दीपक 2005 बैच का सिपाही थे.
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दीपक साल 2016 से ही बीआईटी मेसरा ओपी में मुंशी के पद पर पोस्टेड थे. दीपक का परिवार जमशेदपुर के कदमा स्थित शास्त्री नगर में रहता है. जबकि मूल रूप से परिवार गुजरात का रहने वाला था. लेकिन सालों से जमशेदपुर में ही पूरा परिवार बस हुआ था. दीपक के शव के पास से कोई सुसाइडल नोट भी नहीं मिला है.