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पिछली सरकार में DGP और होम स्क्रेटरी की बात नहीं सुनते थे SSP-DC: सरयू राय

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Published : Jan 9, 2020, 1:45 PM IST

जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा से निर्दलीय विधायक सरयू राय ने पिछली सरकार पर नौकरशही का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों ने अधिकारियों को नौकर की तरह काम करवाएं हैं.

निर्दलीय विधायक सरयू राय
Saryu Ray made serious allegations

रांची: जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा से निर्दलीय विधायक चुने गए सरयू राय ने पिछली सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के संसाधनों का सही उपयोग करना है तो सबसे पहले उसे लागू करने वाली प्रशासनिक व्यवस्था को सही तरीके से काम की जिम्मेवारी लेनी चाहिए.

सरयू राय का बयान

मामले की जांच
सरयू राय ने कहा कि सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों के लिए अधिकारियों ने नौकर की तरह काम किए है. इस दौरान उन्होंने कहा कि 15 मई 2016 को उनके पुराने विधानसभा इलाके में एक बस में आग लगा दी गई थी. इस मामले में एक राजनीतिक कार्यकर्ता के खिलाफ कथिततौर पर मामला दर्ज कर जिला अधिकारी से मामले की जांच की मांग की गई थी. मामले में डीजीपी ने भी एसएसपी को निर्देश दिया था, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया.

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पत्रकारों पर लाठीचार्ज
जब इस मामले की जांच को लेकर दबाव बनाया गया तो एसएसपी ने साफ तौर पर कहा कि जिनके खिलाफ मामला दर्ज है वह इस मामले में शामिल नहीं है और अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इसके पीछे किसका हाथ था. सीतारामडेरा थाना में पत्रकारों की कथिततौर पर पिटाई हुई थी. इस मामले की जांच के लिए होम सेक्रेटरी तत्कालीन डीसी को सात बार रिमाइंडर दिए थे, लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई. उल्टा पत्रकारों के ऊपर ही लाठीचार्ज किया गया. इसकी जांच की भी मांग की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

सरयू राय का बयान

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सरकारी योजनाओं का भौतिक सत्यापन
विधायक ने तत्कालीन एडवोकेट जनरल के ऊपर भी अनप्रोफेशनल कंडक्ट का आरोप लगाते हुए कहा कि विभाग के एक मामले में उन्होंने कोर्ट का हवाला देकर विभाग को कन्विंस करने की कोशिश की, जबकि कोर्ट ने ऐसा कोई डायरेक्शन ही नहीं दिया, साथ ही पीआरडी, जनसंवाद और स्किल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट में हजारों लोगों को रोजगार देने का दावा किया गया था, लेकिन इसमें भी 2 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार नहीं मिल सका. उन्होंने कहा कि अगर फाइनेंसियल ऑडिट के साथ सरकारी योजनाओं का भौतिक सत्यापन किया जाए तो यह स्पस्ट हो पाएगा कि सरकार की योजनाएं जमीनी स्तर पर उतरी भी है या नहीं.

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