रांची:झारखंड सरकार ने शुक्रवार को कहा कि कंबल घोटाले से जुड़ी गड़बड़ी को लेकर सरकार गंभीर है, हालांकि इस बाबत सरकार ने किसी तरह की जांच का आश्वासन नहीं दिया है. उद्योग विभाग के अनुदान मांगों को लेकर हुई चर्चा के बाद मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि सारी बातें सामने आ गई हैं, जो भी गड़बड़ी हुई है, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. दरअसल, सदन की कार्यवाही के दौरान सेकंड हाफ में कटौती प्रस्ताव पर बोलते हुए निर्दलीय सरयू राय ने कहा कि प्रदेश में मोमेंटम और कंबल घोटाले के नाम पर काफी अनियमितताएं हुई हैं.
मंत्री और राय की कंबल घोटाला पर बात कंबल घोटाले पर एसीबी जांच की हुई थी सिफारिश
कंबल घोटाले के संबंध में राय ने साफ तौर पर कहा कि इस बाबत तत्कालीन विकास आयुक्त ने भी एंटी करप्शन ब्यूरो से जांच की सिफारिश की थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि हैरत की बात यह है कि राज्य में सरकार ने हस्तकरघा उद्योग से बनने वाले कंबल को लेकर सार्वजनिक वितरण का मन बनाया, लेकिन हैरत की बात यह है कि झारखंड में उसके लिए धागा नहीं मिलता है.
इस पूरी प्रक्रिया में ऐसी गड़बड़ियां हुई हैं, जो आश्चर्यजनक है. उन्होंने कहा कि हैरत की बात यह है कि रांची से ट्रक दूसरे प्रदेशों में गए ही नहीं और उससे ज्यादा आश्चर्यजनक बात यह है कि एक ही दिन में रांची से ट्रक गए और वापस भी आ गए. उन्होंने कहा कि हालांकि राज्य सरकार ने सोशल ऑडिट कराने का निर्णय लिया है, लेकिन कंबल घोटाले में जो सबूत दिए गए हैं, उसके आधार पर एसीबी जांच होनी चाहिए.
ये भी देखें- निर्भया मामलाः दोषियों को फांसी मिलने पर सीएम सोरेन ने जताई खुशी, बोले कानून पर भरोसा बढ़ेगा
हाई कोर्ट ने भी दिया था निर्देश
वाद-विवाद के दौरान राय ने कहा कि हाई कोर्ट ने भी मोमेंटम झारखंड को लेकर जुड़ी गड़बड़ियों पर याचिकाकर्ता को पुलिस के पास जाने का निर्देश दिया था. उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार को जांच कराने में क्या नुकसान है. वहीं, पर्यटन, खेल संस्कृति और युवा कार्य विभाग के अनुदान मांगों में वाद-विवाद के बाद मंत्री भोक्ता ने कहा कि राज्य भर में 5,90,059 बेरोजगार युवा निबंधित है.
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने संगठित क्षेत्रों के मजदूरों के लिए भी कई योजनाएं शुरू की हैं. इससे पहले वाद-विवाद में हिस्सा लेते हुए मनीष जायसवाल ने कहा कि बरही के सिविल एसडीओ ने फेसबुक पर प्रधानमंत्री के कोरोना से संबंधित इनिसिएटिव पर टिप्पणी की है. अधिकारी ने साफ तौर पर कहा कि प्रधानमंत्री ने आधा घंटा बर्बाद कर दिया. वहीं, बंधु तिर्की ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने राज्य की संस्कृति को नष्ट कर दिया. कहीं एमओयू हुए लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं हुआ.
ये भी देखें- निर्भया न्यायः दोषियों को फांसी मिलने पर विधायकों ने दी प्रतिक्रिया, एक सुर में बोले त्वरित कार्रवाई की जरुरत
बाबूलाल मरांडी ने दिए सुझाव
वहीं, बाबूलाल मरांडी ने सुझाव के तौर पर कहा कि सरकार अब भूमि अधिग्रहण के बजाए लीज पर लेने के बारे में विचार करे. साथ ही रैयतों से वर्षों पहले ली गई जमीन के ऑक्शन के बाद मिलने वाली राशि में उन्हें भी हिस्सेदार बनाएं. इसके अलावा नौकरियों में 85% आरक्षण विस्थापित, प्रभावित और स्थानीय लोगों को भी हिस्सेदारी मिले.
वहीं, झामुमो के सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि 2017 में हुए मोमेंटम झारखंड के दौरान निवेश करने के मकसद से विदेशी कंपनियां आईं, लेकिन यहां के लोगों को रोजगार नहीं मिला. राय की कटौती प्रस्ताव के बाद हुई वोटिंग के बाद बजट पास कर दिया गया.