रांची:कहते हैं परिस्थतियां कितनी भी कठिन हो अगर मानवता हार न माने तो कई बेसहारों को सहारा मिल जाता है. कुछ ऐसा ही उदाहरण पेश कर रहे हैं बुढ़मू प्रखंड के सोबा गांव के बहेरागड़ा टोली में रहने वाले सचिंदर महतो. सचिंदर महज सांतवी पास हैं, लेकिन उनका काम कई अच्छे पढ़े लिखे लोगों के लिए सबक है. इन्होंने वैसे 24 बेसहारा बच्चियों को सहारा दिया है जिनके अपने किसी न किसी कारणवश उनसे दूर हो गए हैं.
ये भी पढ़ें- 'मेरे घर वाले मुझे पढ़ाना नहीं चाहते', अगवा हुई लड़की ने वीडिया जारी कर सुनायी आपबीती
बेसहारा मासूम बच्चियों की मदद
सचिंदर दो साल से अनाथ और बेसहारा बच्चियों का सहारा बनकर न केवल उनका पालन पोषण कर रहे हैं, बल्कि उनका भविष्य अच्छा हो इसके लिए सभी को शिक्षा भी दे रहे हैं. बच्चों को पढ़ाई के साथ साथ कई घरेलू कार्यों की भी ट्रेनिंग दी जा रही है. खेती, पुश पालन का भी प्रशिक्षण इन बच्चियों को दिया जा रहा है, ताकि आगे चलकर वे अपना भविष्य खुद बना सकें. बच्चियां स्वस्थ रहें इसके लिए सबको योगा की भी ट्रेनिंग दी जा रही है.