रांची:सरकार गिराने की साजिश मामले की चर्चा झारखंड मंत्रालय में भी मंगलवार को देखी गई. एक दूसरे को शक की नजरों से देख रहे कई कांग्रेसी विधायकों की चहलकदमी प्रोजेक्ट भवन में बनी रही. कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम से कई विधायकों ने मुलाकात की.
इसे भी पढ़ें-झारखंड में विधायक खरीद-फरोख्त मामला पहुंचा हाई कोर्ट, सीबीआई जांच की मांग
एक तरफ कैबिनेट बैठक, दूसरी तरह होती रही सियासत
कांग्रेस जहां इसे विपक्ष की साजिश बता रही है, वहीं बीजेपी ने कांग्रेस को कंट्रोल में रखने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सोची समझी रणनीति बताया है. मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन में एक तरफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक चल रही थी, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस विधायक मीडिया के सवालों पर सफाई दे रहे थे. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव जहां जांच का विषय बताते हुए मीडिया के सवालों से बचते दिखे, वहीं कांग्रेस, जेएमएम और आरजेडी के विधायक मंत्री बीजेपी पर निशाना साधते रहे. कांग्रेस विधायकों ने अपने आपको पाक साफ बताते हुए साजिशकर्ता से किसी तरह का संपर्क नहीं होने की बात कहते हुए विपक्ष पर साजिश रचने का आरोप लगाया.
विधायकों ने दी सफाई
धनबाद विधायक पूर्णिमा सिंह(Dhanbad MLA Purnima Singh) और बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद (Barkagaon MLA Amba Prasad) ने सफाई देते हुए कहा कि उन्हें किसी तरह का ऑफर नहीं मिला है और ना ही वो इसमें शामिल हैं. इधर, प्रोजेक्ट भवन पहुंचे बोकारो के बीजेपी विधायक और विपक्ष के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जिस पुलिस की ओर से होटल से तीन लोगों को गिरफ्तार किए जाने की बात कही जा रही है, उसमें से दो बोकारो से पकड़े गए हैं. उन्होंने कहा कि ये सरकार खुद गिर जायेगी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कांग्रेस को भींगी बिल्ली की तरह रखना चाहते हैं, जिससे यहां लूट का राज चलता रहे.
बहरहाल आरोप-प्रत्यारोप के बीच पुलिस की जांच रांची से दिल्ली तक पहुंच गई है. कांग्रेस अपने विधायकों से फीडबैक लेकर उनकी नाराजगी दूर करने के प्रयास में है. कांग्रेस विधायकों की नाराजगी को दूर करने का जिम्मा कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम को दिया गया है. अब देखना होगा कि सत्ता के इस खेल में चल रहा सियासी ड्रामा कहां तक पहुंचता है.