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चुनावी चर्चाओं का दौर जारी, आम मतदाताओं से अलग है बुजुर्गों की राय

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Published : Dec 5, 2019, 3:13 PM IST

झारखंड विधानसभा चुनाव के समर के बीच चुनावी चर्चाओं का दौर जारी है. राज्य के सभी गली-मोहल्ले, चौक-चौराहों और पार्कों में लोग राजनीतिक वाद-विवाद कर रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम रांची के मतदाताओं की राय और उनकी प्राथमिकताएं जानने के लिए उनके बीच पहुंची है.

Round of discussions during assembly elections in ranchi
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रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर प्रमुख राजनीतिक दलों ने घोषणा पत्र के माध्यम से अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है. इसके माध्यम से जनता के प्रति अपनी प्राथमिकताएं भी बता दी हैं, लेकिन शहर की लोग अपनी-अपनी प्राथमिकताओं को लेकर पार्कों और चौक-चौराहों में डिबेट करते नजर आ रहे हैं.

देखिए बुजुर्ग मतदाताओं की राय

झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 के समर के बीच चुनावी चर्चाओं का दौर जारी है. नुक्कड़, गली, मोहल्ले, चौक-चौराहों और पार्कों में भी लोग एक-दूसरे के साथ वाद-विवाद कर दिख रहे हैं. कोई रघुवर सरकार के 5 सालों के कार्यकाल को बेहतरीन बता रहा है तो कोई जुमले की सरकार कह रहे हैं. इसी तरह की चर्चाओं के बीच पार्कों में बुजुर्ग मतदाता भी एक-दूसरे के साथ डिबेट करते दिख रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम शहर के मतदाताओं के बीच पहुंचा और उनके चुनावी मुद्दों को जानने की कोशिश की. इस दौरान कुछ लोगों ने मतदान को जरूरी बताया तो कुछ लोग सत्ताधारी पार्टी और विपक्षी पार्टियों को नसीहत देते नजर आए.

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विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनावी चर्चाओं का बाजार गर्म है. पहले चरण की मतदान संपन्न हो चुका है, लेकिन अभी भी पूरे प्रदेश में चुनावों की चर्चा जोरों पर है. इस बार के राजनीतिक घोषणा पत्रों में सभी पार्टियों ने ओबीसी को आरक्षण, विद्यार्थियों की मुफ्त शिक्षा जैसी बातों पर जोर दिया है. इसके अलावा राजनीतिक दलों ने शिक्षा, रोजगार, कृषि, किसान, स्वास्थ्य, गरीबों के अधिकार, जल, जंगल जमीन, आदिवासी, दलित कल्याण महिलाओं के अधिकार समेत अन्य विषयों पर अपनी-अपनी प्राथमिकताएं बताई हैं. इन सभी दावों के बीच राज्य की जनता अपनी-अपनी प्राथमिकताओं को लेकर चर्चा करते नजर आ रहे हैं. मॉर्निंग और इवनिंग वाक करने वाले बुजुर्ग मतदाताओं अपने-अपने मुद्दों को लेकर एक-दूसरे से डिबेट करते नजर आ रहे हैं. शहर के पार्कों और चौक-चौराहों पर हो रहे डिबेट में भी झारखंड के भविष्य की चिंता करते लोग नजर आ रहे हैं. ये सभी चर्चाएं चुनाव के दौरान आम हो जाती हैं और हम कह सकते हैं कि राज्य को बेहतर बनाने के लिए अपना-अपना दृष्टीकोण होना चाहिए. वहीं, शहर के बुजुर्ग मतदाताओं की मानें तो स्थाई सरकार ही राज्य को सही तरीके से चला सकती है. अगर मिली-जुली सरकार आई तो आने वाला समय भी झारखंड के लिए बेहतर नहीं होगा.

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