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शराब और रफ्तार की वजह से राजधानी में बढ़े सड़क हादसे, मृतकों में सबसे ज्यादा युवा

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Published : Jan 20, 2022, 4:21 PM IST

Updated : Jan 20, 2022, 4:46 PM IST

झारखंड में सड़क हादसे में हर साल हजारों जानें चली जाती हैं. मरने वालों अधिकतर युवा ही होते हैं. पिछले साल रांची में सड़क हादसे (Road Accident in Ranchi) में 448 लोगों की जान गई, जिसमें से अधिकतर की उम्र 20 से 30 साल के बीच थी.

road accident in ranchi
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रांची: राजधानी में शराब पीकर वाहन चलाने की वजह से लोगों की जाने जा रही हैं. खासकर बीते साल के अंतिम दो महीनों से लेकर नए साल के शुरुआती दो महीने तक सबसे ज्यादा हादसे सामने आते हैं. रोड सेफ्टी सेल के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल नवंबर महीने से लेकर 19 जनवरी तक 197 सड़क हादसों में 144 लोगों की मौत हो गई. रांची में सड़क हादसे (Road Accident in Ranchi) में जिन लोगों की मौत हुई उनमें से अधिकांश 20 से लेकर 30 उम्र के युवा थे. जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि अधिकांश सड़क हादसों में ड्रंक एंड ड्राइव वजह थी.

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20 से 30 उम्र के हुए सबसे ज्यादा शिकार: साल 2021 में रांची में ही केवल 448 लोगों ने अपनी जान गवा दी. 339 लोग बेहद गंभीर रूप से घायल हुए. करीब 100 से ज्यादा लोगों को सड़क हादसों में घायल होने की वजह से अपंग होना पड़ा. पर सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि जिन लोगों की सड़क हादसे में मौत हुई उनमें से अधिकांश की उम्र 20 से लेकर 30 साल तक थी और सड़क हादसे इसलिए हुए क्योंकि उनमें से अधिकांश लोग शराब पीकर तेज रफ्तार में वाहन चला रहे थे.

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रांची में सड़क हादसे के आंकड़े: (Ranchi Road Accident Statistics) साल 2022 का पहला महीना ही अभी चल रहा है और राजधानी में 20 से अधिक मौतें सड़क हादसों में हो चुकी है. इनमें से भी अधिकांश हादसे ड्रंक एंड ड्राइव की वजह से हुए हैं. रांची के सड़क सुरक्षा प्रबंधक जमाल अशरफ खान ने बताया कि नवंबर महीना सड़क हादसों में वृद्धि होने लगती है, साथ ही मौतों का आंकड़ा भी बढ़ने लगता है. मसलन अगर साल 2021 की बात करें तो अक्टूबर महीने में सड़क हादसों में 46 लोगों की मौत हो गई. नवंबर 21 महीने में भी 46 लोगों की जान गई, जबकि दिसंबर 21 में यह आंकड़ा बढ़कर 52 हो गया. जबकि बीच के महीनों में यह आंकड़ा 25 से 30 के बीच रहता है.

रांची-टाटा रोड पर सड़क हादसा (फाइल)

बेहतर सड़क पर सबसे ज्यादा हादसे: रांची के सड़क सुरक्षा प्रबंधक जमाल अशरफ खान के अनुसार सबसे अधिक सड़क हादसे बेहतरीन सड़कों पर हुए हैं. जिनमें रांची के रिंग रोड, रांची टाटा रोड शामिल हैं. हाल के दिनों में इन सड़कों को बेहतर किया गया है. जिसके बाद यहां चलने वाले वाहनों की रफ्तार काफी तेज हो गई है. खासकर युवा हाई स्पीड बाइक चलाते हैं. ऐसी बाइक 200 सीसी इंजन से शुरू होती है. हाई स्पीड इंजन वाली बाइक को चलाना जितना आसान है, उतना ही मुश्किल इसे आपात स्थिति में संभालना होता है. बाइक में लगे ट्विन डिस्क ब्रेक के कारण अक्सर युवा दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं. आज के युवा भी किसी भी कीमत पर हेलमेट नहीं पहना चाहते हैं. जितने भी सड़क हादसों में युवाओं की जान गई है, उनमें से अधिकांश ने हेलमेट नहीं पहना था. सड़क हादसे में बगैर हेलमेट और सीट बेल्ट नहीं बांधने के कारण सर्वाधिक जानें गई हैं.

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ड्रिंक एन्ड ड्राइव को लेकर लापरवाही: कोविड-19 संक्रमण की वजह से पिछले 2 सालों में ड्रंक एंड ड्राइव के मामलों में पुलिस बेहद लापरवाह रही है. ड्रंक एंड ड्राइव को लेकर अक्सर देर रात अभियान चलाया जाता है. लेकिन पुलिस के पास अभी भी उचित उपकरण नहीं है, जिनसे शराब पिये हुए लोगों को पकड़ा जा सके.

रांची में सड़क हादसे के आंकड़े

बिहार में कम हुए आंकड़े: पड़ोसी राज्य बिहार में ड्रंक एंड ड्राइव की वजह से होने वाले हादसों में भारी कमी आई है. आंकड़ों के अनुसार शराब पीकर वाहन चलाने वाले आंकड़े मात्र 2% रह गए हैं, ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि बिहार में शराबबंदी कानून लागू है. हाइवे पर शराब दुकानों पर रोक लगी हुई है, लेकिन इसके बावजूद झारखंड में हाइवे पर मौजूद सभी ढाबों में बेरोकटोक शराब बेची जाती है. इसी का सेवन कर युवा अपने घरों की ओर निकलते हैं और तेज रफ्तार की वजह से हादसों में अपनी जान गंवा देते हैं.

6 महीने बाद बना इंटरसेप्टर: रांची पुलिस ने रफ्तार पर रोक लगाने के लिए इंटरसेप्टर वाहन खरीदा था, जो पिछले 6 महीने से खराब पड़ा था. एक सप्ताह पहले ही इंटरसेप्टर वाहन को दोबारा बनवाया गया है और उसे अब शहर और हाइवे पर तैनात करने की तैयारी की जा रही है. ताकि रफ्तार पर ब्रेक लगाई जा सके. रांची के प्रभारी ट्रैफिक एसपी सौरभ के अनुसार कुछ उपकरण भी मनाए गए हैं. जिनके आ आने के बाद ड्रंक एंड ड्राइव और रफ्तार पर ब्रेक लगाने में मदद मिलेगी.

रिंग रोड पर सड़क हादसा (फाइल)

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सर्वाधिक हादसे वाले मार्ग:

  • रांची-रामगढ़ रोड: ओरमांझी से आगे बढ़ने पर चुटू पालू घाटी में तीखे मोड़ के वजह से लगातार हादसे होते हैं.
  • रांची-पतरातू रोड: कांके चौक के बाद असुरक्षित कट और टर्निंग. नया फ्लाइओवर के पास बेतरतीब टर्निंग से हादसे हो रहे हैं. इसके बाद पिठोरिया से नीचे उतरने पर भयंकर घाटी मिलती है. जो, हादसों की वजह है.
  • रांची-टाटा राष्ट्रीय राजमार्ग: यहां पहले तीखे मोड़ थे, लेकिन वर्तमान में सड़क लगभग बन गई है. बेहतरीन सड़क होने की वजह से रफ्तार बढ़ी. जहां-तहां स्पीड पर नियंत्रण खोने से अचानक हादसे हो जाते हैं. सर्वाधिक हादसे तैमारा घाटी से लेकर तमाड़ तक होते हैं.
  • रांची रिंग रोड: राजधानी से सटे रिंग रोड पर गति अवरोधक के बावजूद सड़क अच्छी होने के कारण वाहनों की स्पीड अत्याधिक होती है, जो दुर्घटना का कारण बनती है.
  • रांची-खूंटी मार्ग: सड़क संकरी है, सिंगल लेन है. वाहनों की अत्याधिक स्पीड के कारण पहाड़ी क्षेत्र की इस सड़क पर वाहन पर नियंत्रण खो जाने के कारण दुर्घटनाएं होती हैं.
  • रांची-गुमला मार्ग और रांची डालटनगंज: रांची से गुमला और रांची से डालटनगंज मार्ग भी अधूरा डबल लेन है. कई जगह बीच में डिवाइडर भी नहीं है. ऐसे में वाहनों के लिए स्पीड लिमिट संकेतक का नहीं होना, दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण है.
  • कांटाटोली से बीआइटी: सिंगल लेन, पतली सड़क और जहां-तहां गड्ढे यहां दुर्घटनाओं के सबसे बड़े कारण हैं. इरबा से लेकर ब्लॉक चौक पर अनावश्यक कट और पर्याप्त जेब्रा क्रॉसिग के नहीं रहने से हादसे होते रहते हैं.
Last Updated : Jan 20, 2022, 4:46 PM IST

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