रांची के अरगोड़ा तालाब में छठ घाट का आरक्षण, ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट रांची: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा को लेकर राजधानी रांची में तैयारियां अंतिम चरण में है. राजधानी के तलाबों और जलाशयों की साफ-सफाई और लाइटिंग की व्यवस्था की जा रही है. रांची नगर निगम के अधिकारी, कर्मचारी एक एक तालाब पर छठ व्रती को कोई परेशानी नहीं हो इसकी व्यवस्था में जुटे हैं.
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वहीं राजधानी राँची का एक तालाब ऐसा है जहां छठ पूजा के लिए पूजा समिति घाटों का रिजर्वेशन करती है. वह भी प्रति घाट 500 से 750 रुपया की राशि ले रही है. छठ व्रतियों को घाट आरक्षित करने को लेकर अरगोड़ा सूर्य मंदिर छठ पूजा समिति की अपनी अलग दलील है. उनका कहना है कि सजावट से लेकर मंदिर के रखरखाव को लेकर होने वाले खर्च के चलते वह पैसे लेकर घाट आरक्षित किया जाता है.
अरगोड़ा तालाब छठ पूजा सूर्य मंदिर समिति के सदस्य राजू कुमार साहू कहते हैं कि जो भी व्यक्ति 500 से 700 रुपये प्रति घाट की दर से भुगतान करता है, उसे रसीद दिया जाता है और उसी पर उसके घाट का नंबर भी दिया जाता है. उन्होंने कहा कि घाट पर 01 से लेकर 110 घाट का नंबरिंग किया गया है जिसका आरक्षण हो रहा है.
अरगोड़ा तालाब में छठ घाट का आरक्षण पर बोले रांची नगर निगम अधिकारी घाट के आरक्षण की कोई जानकारी नहीं- नगर निगमः रांची नगर निगम द्वारा छठ की को लेकर अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में है. नगर निगम के आयुक्त, सहायक नगर आयुक्त एवं अन्य अधिकारी खुद एक एक घाटों का निरीक्षण कर रहे हैं. अरगोड़ा तालाब घाट का निरीक्षण करने पहुंचे रांची नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त नितेश कुमार ने बताया कि घाट पर खतरनाक क्षेत्र की पहचान के लिए जल्द रेड रिबनिंग का काम शुरू हो जाएगी. छठ घाटों पर लाइटिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है. छठ घाट का पैसा लेकर आरक्षण किये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. वहीं उनके साथ आये सुपरवाइजर ने कहा कि छठ व्रतियों की सुविधा के लिए नंबरिंग की गई है जबकि हकीकत कुछ और ही है.
आकर्षण का केंद्र होता है अरगोड़ा तालाबः छठ पूजा के दौरान अरगोड़ा तालाब घाट इस लिए भी आकर्षण के केंद्र में होता है क्योंकि राजधानी रांची का यह एकमात्र तालाब है जिसके पास में भगवान भास्कर की प्रतिमा वाला गोल्डन टेंपल बना हुआ है. जो व्रती भगवान भास्कर को अर्घ्य देने आते हैं उन्हें सूर्य मंदिर में भगवान भास्कर के देव रूप का पूजा अर्चना करने का मौका मिल जाता है. इन सबके बीच यह सवाल अपनी जगह बना हुआ है कि जिस महापर्व छठ को हम मिलजुलकर आपसी सहयोग से मनाते हैं उसके लिए घाट का आरक्षण 500 से 750 रुपये प्रति घाट किया जाए, यह कितना सही है.