रांचीः पिछड़ों के लिए 27% आरक्षण की मांग झारखंड में फिर उठने लगी है. झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा (Jharkhand Pradesh Vaish Morcha) ने अपने तीसरे स्थापना दिवस समारोह में एक बार फिर इस मुद्दे को उठाया. झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा की इस मांग पर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों साथ आ गए हैं. कांग्रेस कोटे से स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, बीजेपी के सांसद संजय सेठ के साथ विधायक नवीन जयसवाल, विधायक अमित मंडल और विधायक मनीष जायसवाल ने भी इसका समर्थन किया है.
ये भी पढ़े-झारखंड में ओबीसी की हकमारी! जनसंख्या अधिक, आरक्षण कम
एकीकृत बिहार राज्य में पिछड़ों को 27% आरक्षण का लाभ प्राप्त था. लेकिन झारखंड प्रदेश का गठन होने के बाद इसे ट्राइबल राज्य माना जाने लगा. इसी के साथ इस राज्य में पिछड़ों का आरक्षण 27% से घटाकर 14% कर दिया गया, तभी से पिछड़ा समाज 27% आरक्षण की मांग को लेकर संघर्ष कर रहा है. अब झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा ने अपने तीसरे स्थापना दिवस पर इस मुद्दे को फिर उठाया. इस दौरान वहां मंच पर सत्ता पक्ष से स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता समेत सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसद, विधायक मौजूद रहे. सभी नेताओं ने वैश्य मोर्चा की इस मांग को जायज ठहराया और एकजुट होकर संघर्ष करने का भरोसा दिलाया.
झारखंड में फिर उठी पिछड़ों के लिए 27% आरक्षण की मांग, विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों आए साथ
झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा (Jharkhand Pradesh Vaish Morcha)ने अपने तीसरे स्थापना दिवस पर पिछड़ों के लिए 27% आरक्षण की मांग उठाई है. इस मांग का मंच पर मौजूद सत्ता पक्ष और विपक्ष के जनप्रतिनिधियों ने समर्थन किया.
झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा के स्थापना दिवस समारोह में मौजूद सांसद संजय सेठ ने वैश्य धर्मशाला बनाने के लिए अपने सांसद निधि से 51 लाख की राशि देने की भी घोषणा की. वहीं, विधायक नवीन जयसवाल ने सूबे में चल रही गठबंधन की सरकार को उनके चुनावी वादे याद दिलाए और कहा पिछड़ों के आरक्षण का मुद्दा केंद्र सरकार पर थोपने की बजाय राज्य सरकार जल्द पूरा करे.
बता दें कि झारखंड प्रदेश में पिछड़ों की आबादी 52 फीसदी है. झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा का कहना है कि इनमें से 40 फीसदी आबादी वैश्य समाज की है जो 27% आरक्षण की मांग को लेकर संघर्ष कर रहा है.सभी राजनीतिक दलों ने इनकी मांग को अपनी चुनावी मेनिफेस्टो में भी रखा है. लेकिन राज्य के बने 21 साल पूरा होने को हैं, लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं हो पाई है.