नई दिल्ली/रांची:कर्तव्य पर भारत की आन बान और शान का प्रदर्शन हो रहा है. ये पहला मौका है जब गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर परेड हो रही है. हालांकि इससे पहले ही यहां परेड होता रहा है लेकिन इससे पहले इस मार्ग का नाम राजपथ हुआ करता था. यहां पीएम मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी स्वागत किया. इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तिरंगा झंडा फहराया, उसके बाद 21 तोपों की सलामी के साथ राष्ट्रगान हुआ. इसके बाद परेड की शुरुआत हो गई. इस परेड में झारखंड की भी झांकी को शामिल किया गया है.
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कर्तव्य पर परेड में भारत की जीवंत सांस्कृतिक विरासत के साथ आर्थिक-सामाजिक प्रगति को भी दर्शाया जाता है. इसके लिए हर साल कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकी भी निकाली जाती है. इस बार 23 झांकियां इस औपचारिक परेड का हिस्सा रही. जिनमें से 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और छह विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की झांकी शामिल रही. खास बात ये है कि इस बार कर्तव्य पथ पर झारखंड की झांकी ने भी सबका मन मोह लिया. झांकी में बैद्यनाथ धाम और बिरसा मुंडा की झलक दिखायी गई. झांकी के साथ कलाकार पाइका नृत्य करते दिखे.
कर्तव्य पथ पर देश के विभिन्न प्रदेशों की झांकियों के साथ झारखंड से बाबा मंदिर की झांकी का चयन गणतंत्र दिवस के लिए किया गया था. झांकी बनाने का काम 20 दिन पहले ही प्रारंभ हो गया था. झांकी के लिए उत्कृष्ट कारीगरों का चयन किया गया. बाबा मंदिर के तीर्थ पुरोहित मनोज मिश्र मानते हैं कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर झारखंड के बाबा बैद्यनाथ मंदिर की झांकी का चयन होना राज्य के लिए गर्व की बात है. उन्होंने कहा कि कर्तव्य पथ पर झांकी निकलेगी तो बाबा मंदिर की लोकप्रियता देश दुनिया में और बढ़ेगी.
झांकी की तैयारी के लिए रांची के डीपीआरओ डॉ प्रभात शंकर को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. डॉ प्रभात शंकर की देखरेख में यह झांकी तैयार की गई. इसके लिए उत्कृष्ट कारीगरों द्वारा दिन रात काम किया गया. निर्माण में एक-एक चीज को ध्यान में रखकर बैद्यनाथ मंदिर की झांकी को हूबहू बनाने का प्रयास किया गया.
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान कर्तव्य पथ पर आकाश मिसाइल, अर्जुन टैंक जैसे घातक हथियारों ने सेना के शौर्य को दिखाया, तो प्रचंड और राफेल समेत 50 विमानों की उड़ान ने सीमाओं से परे भारतीय वायु सेना की शक्ति प्रदर्शित की. इसके बाद राज्यों की झांकियां में सांस्कृतिक विविधता दिखाई गई. यहां असम, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गुजरात, पश्चिम बंगाल और कई अन्य राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की रंगारंग झाकियां दिखाई दीं. इस बार पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में अग्निवीरों ने भी हिस्सा लिया. मार्च करने वाली टुकड़ी में 3 महिलाएं और 6 पुरुष अग्निवीर शामिल थे.