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राज्यपाल रमेश बैस से मिले ट्रांसजेंडर समुदाय के प्रतिनिधि, अपनी समस्याओं से कराया अवगत

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Published : Apr 16, 2022, 2:04 PM IST

अपनी समस्याओं को लेकर झारखंड में ट्रांसजेंडर समुदाय के प्रतिनिधि राज्यपाल रमेश बैस से मिले. इस दौरान उन्होंने झारखंड सरकार पर किसी तरह की सुविधा नहीं देने का आरोप लगाया. राज्यपाल रमेश बैस ने जल्द उनकी समस्याओं के समाधान करने का आश्वासन दिया.

transgender community of Jharkhand
transgender community of Jharkhand

रांची:झारखंड में ट्रांसजेंडर समुदाय के प्रतिनिधियों ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की और अन्य राज्यों की तरह झारखंड में भी ट्रांसजेंडर को सुविधाएं देने की मांग की. ट्रांसजेडर समुदाय ने झारखंड सरकार पर अन्य राज्यों का हवाला देते हुए आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने उनके लिए कोई काम नहीं किया है. ट्रांसजेंडर समुदाय के प्रतिनिधियों ने कहा इस मुद्दे पर पहले भी हमने झारखंड के मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

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झारखंड सरकार पर ट्रांसजेंडर समुदाय का आरोप: राज्यपाल रमेश बैस से मिलने गए ट्रांसजेंडर समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि राज्य में बड़ी संख्या ट्रांसजेंडर हैं, इन लोगों को सरकारी योजना से जोड़ कर मुख्यधारा में लाने की जरूरत है. ट्रांसजेंडर का राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर कार्ड बन रहा है. इस समुदाय के लोगों को पढ़ाने और रोजगार से जोड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. केंद्र सरकार के उभय लिंगी नियमावली 2018 के अनुसार इस समाज को बराबर का अधिकार प्राप्त है. समुदाय के प्रतिनिधियों ने कहा कि इस संदर्भ में कई राज्यों के सरकारी सेवाओं में समुदाय को नियुक्ति देने का काम किया गया है. कार्मिक मंत्रालय ने 2020 में किन्नर समुदाय के लोगों को नौकरियों में आरक्षण दिया था. कर्नाटक सभी सरकारी सेवाओं में ट्रांसजेंडर को एक फीसदी आरक्षण प्रदान करने वाला पहला राज्य बना. पड़ोसी राज्य बिहार ने भी ट्रांसजेंडर को पुलिस में सीधी नियुक्ति दी. लेकिन, झारखंड सरकार ने इस पर कोई भी काम नहीं किया है.

राज्यपाल ने दिया आश्वासन:इसके अलावा समुदाय के प्रतिनिधियों ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से स्माइल योजना चलाए जा रहे हैं, जिसमें स्वास्थ्य बुनियादी सुविधाएं के साथ कौशल विकास कर आजीविका का साधन देना, समुदाय के समग्र पुनर्वास को सशक्त करने के लिए गरिमा गृह का निर्माण, आदि शामिल है. ताकि ट्रांसजेंडर समाज का सामाजिक उत्थान हो सके. लेकिन झारखंड में उनके लिए कोई काम नहीं हो रहा है. इन सब मुद्दे को बहुत ही पॉजिटिव तरीके से राज्यपाल ने सुनने के बाद कहा कि इस बिल को लाने में मैंने बहुत मेहनत किया है. उन्होंने कहा कि मैं इस समुदाय के परेशानियों को समझता हूं. परेशानियों को खत्म करने का पूरा प्रयास करुंगा. चाहे शौचालय जैसे बुनियादी सुविधाएं हो या नियुक्ति का मामला यह बहुत जरूरी है. इस पर राज्यपाल ने कहा कि वे इसे त्वरित लागू करवाने का कोशिश करेंगे.

संस्था के अध्यक्ष सह सांसद प्रतिनिधि कुमुद झा ने कहा राज्यपाल की ओर से जिस तरह की बातें कही गई और आधे घंटे का समय देकर जिस तरह उन्होंने एक-एक पहलू को देखा, चर्चा किया इससे हमें पूर्ण विश्वास है कि इस समाज का कल्याण राज्यपाल के मार्गदर्शन में जरूर होगा. इस टीम में किन्नर सुमीरा, सिद्धार्थ त्रिपाठी, चंदन मिश्रा डायरेक्टर जनहित सांस्कृतिक कला केंद्र, राजकुमार इत्यादि उपस्थित थे.

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