डॉ. राजीव रंजन, जनसंपर्क पदाधिकारी, रिम्स रांचीः हजारीबाग में महिला को जलाने के प्रयास मामले में नया मोड़ आ गया है. पहले परिजन रिम्स में इलाजरत महिला को लेकर फरार हो गए . उसके बाद दोबार से रिम्स में पीड़िता को भर्ती कराया. मामले में क्या कुछ कहते हैं परिजन और डॉक्टर्स जानिए आगे.
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7 जनवरी को हजारीबाग के चरही में एक महिला से दुष्कर्म का प्रयास और फिर उसे जलाकर मारने की कोशिश की गई. रिम्स लाने के बाद पीड़ित महिला को डॉक्टर मृत्युंजय सरावगी की यूनिट में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों की निगरानी में उसका इलाज चल रहा था . लेकिन महिला के पति और उसके पिता ने रिम्स में बेहतर इलाज नहीं होने की बात कहकर लामा के तहत मंगलवार को अस्पताल से निकल गए. डॉक्टरों के बिना अनुमति के ही मरीज को लेकर परिजन रिम्स से निकल गए.
पति और पिता के बयान में अंतर: इसको लेकर जब परिजनों से सवाल किए तो परिजनों ने बताया कि बेहतर इलाज नहीं होने के कारण वह निजी अस्पताल में भर्ती कराने के लिए चले गए थे. अस्पताल से गंभीर स्थिति में पीड़िता को निकालने के सवाल पर महिला के पति ने बताया कि उनके ससुर झाड़ फुंक कराने और तांत्रिक को दिखाने के लिए रामगढ़ चले गए थे. वहीं पीड़िता के पिता से जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने बात की तो उन्होंने कहा कि वह किसी झाड़ फुंक कराने वाले के पास नहीं गए थे बल्कि अपने दामाद के कहने पर निजी अस्पताल में इलाज कराने के लिए गए थे. लेकिन वहां भी इलाज नहीं होने के बाद वह फिर से पीड़िता को लेकर रिम्स अस्पताल में आ गए.
70 प्रतिशत से ज्यादा जली है महिला- डॉक्टरः रिम्स प्रबंधन की ओर से जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. राजीव रंजन बताते हैं बिना किसी के अनुमति के ही मरीज के परिजनों ने मरीज को लेकर अस्पताल से निकल गए. लेकिन जब उनकी स्थिति और भी खराब होने लगी तो वह फिर रिम्स अस्पताल वापस आए, इस दौरान उन्हें इंफेक्शन हो गया है और उसकी स्थिति गंभीर हो रही है. डॉ राजीव रंजन ने बताया कि पीड़िता लगभग 70 फीसदी से ज्यादा जली हुई है जब परिजनों के द्वारा बिना अनुमति के अस्पताल से ले जाया गया तो उसे इंफेक्शन हो गया. फिलहाल पीड़िता को डॉक्टर आरएस शर्मा की निगरानी में रखा गया है और उसका बेहतर इलाज किया जा रहा है ताकि उसकी स्थिति में सुधार हो.
क्या है मामलाः हजारीबाग के चरही में शनिवार 7 जनवरी को कुछ अपराधियों ने महिला के घर में घुसकर उसके साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया. वही महिला ने जब दुष्कर्म का विरोध किया तो उसे खटिया में बांधकर आग लगा दी. अधजली हालत में महिला को घर में छोड़कर अपराधी मौके से भाग गए. मरणासन्न स्थिति में महिला पर जब घरवालों और आस-पड़ोस की नजर पड़ी तो उसे आनन-फानन में हजारीबाग का मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया. जहां हजारीबाग के चिकित्सकों ने उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए रिम्स रेफर कर दिया गया था.
घटना में परिवार के लोग शामिल: इस घटना को लेकर बताया जा रहा है कि इसमें परिवार के 2 सदस्य हैं जो पीड़िता के पति का भांजा लगता है और वहीं अन्य आरोपी
पड़ोसी बताया जा रहा है. मिली जानकारी के अनुसार घटना में सम्मिलित किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी की बात अभी तक सामने नहीं आई है. अब सवाल यह उठ रहा है कि पीड़िता अपने पति के साथ हजारीबाग के चरही में रहती थी और उसके ही पति के भांजे और पड़ोसी ने मिलकर उसके साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया और फिर उसे जलाकर मारने की कोशिश की. वहीं पति के परिवार में संपत्ति को लेकर विवाद की भी बात कही जा रही है. यह भी बताया जा रहा है कि महिला के पति की यह दूसरी शादी है पहली पत्नी ने अपने पति को किन्ही कारणों से छोड़ दिया था.
पुलिस प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल: पूरे मामले पर पुलिस प्रशासन के कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं. पूरी घटना को लेकर बुधवार को रांची की मेयर ने राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन के कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए महिलाओं की सुरक्षा देने की बात कही. मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि जिस तरह से झारखंड में आए दिन महिलाओं के साथ दुष्कर्म और उन्हें मारने का प्रयास किया जा रहा है, यह राज्य सरकार की विफलताओं को भी दर्शाता है.
पिता की बेटी के बेहतर इलाज कराने की मांग: फिलहाल लड़की के माता-पिता अपनी बेटी की बेहतर इलाज की मांग कर रहे हैं. साथ ही अपराधियों को जल्द से जल्द सलाखों के पीछे भेजने की गुहार लगा रहे हैं ताकि उनकी बेटी को न्याय मिल सके. वहीं दूसरी ओर यह भी कहना गलत नहीं होगा कि जिस तरह से पीड़िता के पिता और पति के बयान में अंतर देखने को मिल रहे हैं, यह भी कई तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं.