रांचीः गुरुवार को रांची रेल मंडल का सेफ्टी ऑडिट (Railway Division safety audit) किया गया. रेल परिचालन को सुरक्षित करने के उद्देश्य से हमेशा से ही अंतर रेलवे सेफ्टी ऑडिट (Railway Safety Audit) के तहत जोनल स्तर के अधिकारी अन्य जोन में जाकर सेफ्टी ऑडिट करते हैं. इसी कड़ी में गुरुवार को पूर्व रेलवे के प्रधान मुख्य रेल सेफ्टी अधिकारी चेतन कुमार श्रीवास्तव ने सेफ्टी ऑडिट किया.
रांची रेल मंडल का सेफ्टी ऑडिट, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग पॉइंट और क्रॉसिंग की हुई जांच
रांची रेल मंडल का सेफ्टी ऑडिट (Ranchi Railway Division) किया गया. जिसमें इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग पॉइंट और क्रॉसिंग की जांच की गयी है. दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के उद्देश्य से समय-समय पर रेलवे सेफ्टी ऑडिट की प्रक्रिया की जाती है.
इस सेफ्टी ऑडिट प्रक्रिया के तहत रांची रेलवे स्टेशन (Ranchi Railway Station) के इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग और रांची यार्ड के प्वाइंट और क्रॉसिंग का निरीक्षण किया गया. वहीं रांची नामकुम रेलवे स्टेशन के फाटक के साथ-साथ टाटीसिल्वे और गंगा घाट रेलवे स्टेशन के बीच मानव सहित फाटक का भी निरीक्षण किया गया. निरीक्षण की टीम गंगा घाट जोन्हा रेलवे स्टेशन के कई पूल और रेलवे पटरियों को भी जांचा और परखा है. बताते चलें कि केंद्रीय स्तर पर इसकी रिपोर्ट भेजी जाती है. दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के उद्देश्य से समय-समय पर रेलवे सेफ्टी ऑडिट की प्रक्रिया चलती है.
बढ़ाये गए कोचः वहीं वेटिंग लिस्ट की परेशानी को देखते हुए यात्री सुविधा के मद्देनजर ट्रेन संख्या 18105-18106 राउरकेला जयनगर राउरकेला एक्सप्रेस ट्रेनों में स्थायी रूप से अतिरिक्त कोच बढ़ाए गए हैं. अब इन ट्रेनों में ऐसी 3 टियर के एक और सेकंड क्लास स्लीपर के एक अतिरिक्त कोच लगाए गए हैं. पहले की अपेक्षा अब सीटों के साथ-साथ कोच भी इन ट्रेनों में अधिक होंगे. जयनगर राउरकेला एक्सप्रेस में अब 17 कोच होंगे.
अवैध वसूली का आरोपः रांची रेल मंडल के चीफ लोको इंस्पेक्टर (सीएलआई) हटिया एसकेपी खलखो और ओएस सतीश खेस पर रेल मंडल के एक कर्मचारी ने गंभीर आरोप लगाया है. इन पर आरोप है कि एक पदाधिकारी सहायक लोको पायलट लोको पायलट और शंटरों को फर्जी तरीके से ड्यूटी देता है और इसके बदले में वसूली की जाती है. जानकारी मिल रही है कि इनकी शिकायत केंद्रीय सतर्कता आयोग और रेलवे इंटेलिजेंस को भी की गई है. इनके द्वारा लगातार अवैध वसूली करने का भी आरोप लगा है. वहीं मैचुअल ट्रांसफर नीति के तहत भी कुछ कर्मचारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग में भी इन पर मोटी रकम वसूली का आरोप लगाया गया है.