रांची:झारखंड के बड़े कारोबारी और न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. विष्णु अग्रवाल को ईडी ने समन जारी कर सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया था, पूछताछ के बाद सोमवार देर रात अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया गया.
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जमीन घोटाले में संलिप्तता के साक्ष्य:झारखंड-बंगाल के बड़े जमीन कारोबारी और न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल से ईडी ने सोमवार को लंबी पूछताछ की, ईडी ने जांच में हैरान करने वाला तथ्य पाया है. ईडी के अधिकारियों के मुताबिक, विष्णु अग्रवाल जमीन घोटाले से लाभांवित होने वाले प्रमुख व्यक्ति हैं. वहीं विष्णु अग्रवाल अपने प्रभाव से अफसरों से मनमर्जी का काम लेते थे. ईडी ने जांच में पाया है कि जमीन से जुड़े मामलों में विष्णु अग्रवाल ने कई बार आर्डर तक अपने दफ्तर में ही लिखवाया, इसके बाद टाइम की गई कॉपी पर अधिकारियों ने हस्ताक्षर कर आदेश निकाले. जांच में पाया है कि विष्णु अग्रवाल के दफ्तर में टाइप की गई कुछ आर्डर पर तत्कालीन डीसी छवि रंजन ने भी हस्ताक्षर किए हैं. साक्ष्य मिलने के बाद विष्णु अग्रवाल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया.
जांच में नहीं किया सहयोग, सोमवार को भी उपस्थिति टाल रहे थे अग्रवाल:ईडी के द्वारा जमीन घोटाले में विष्णु अग्रवाल का सहयोग नहीं मिल रहा था. ईडी ने 31 जुलाई को दिन के 11 बजे अग्रवाल को रांची में जोनल ऑफिस में पूछताछ के लिए बुलाया था. लेकिन विष्णु अग्रवाल ने तबीयत खराब होने की बात कह उपस्थित नहीं होने का ई मेल ईडी को भेज दिया. जिसके बाद ईडी ने तत्काल चौथा समन विष्णु अग्रवाल को भेजा और किसी भी सूरत में दिन के 3.30 बजे तक उपस्थित होने को कहा. समन मिलने के बाद विष्णु अग्रवाल ने आने की हामी भरी, इसके बाद वह दिन के चार बजे ईडी ऑफिस पहुंचे.
इससे पहले ईडी ने 17 जुलाई को जमीन घोटाले में समन किया था, लेकिन विष्णु तब बीमारी की बात कह अनुपस्थित रहे थे, उन्होंने तब तीन सप्ताह का वक्त ईडी से मांगा था. ईडी ने उन्हें तब 26 जुलाई को उपस्थित होने का दूसरा समन भेजा था. 26 जुलाई को घर में पूजा पाठ होने की बात कह विष्णु अग्रवाल ने आने में असमर्थता जतायी थी, जिसके बाद उन्हें 31 जुलाई का समन भेजा गया था.
चेशायर होम रोड समेत कई जमीन में फर्जीवाड़ा:विष्णु अग्रवाल के खिलाफ जांच में ईडी को काफी तथ्य मिले हैं. ईडी ने पाया है कि चेशायर होम रोड में एक एकड़ जमीन की खरीद फर्जी दस्तावेजों से हुई थी. इसके अलावा सेना की सिरमटोली की जमीन भी गलत दस्तावेज के आधार पर की गई थी. वहीं पुगडु में 9.30 एकड़ जमीन की खरीद बिक्री में भी गलत दस्तावेजों का प्रयोग हुआ था. खासमहाल जमीन के लिए पहले जहां जमीन मालिक आशीष कुमार गांगुली ने सरकार को लीज का आवेदन दिया था, वहीं बाद में इस जमीन की रजिस्ट्री फर्जी तरीके से विष्णु अग्रवाल के पक्ष में कर दी गई इस मामले में तत्कालीन सीओ, जमीन की खरीद बिक्री से जुड़े दो दर्जन से अधिक लोगों से ईडी ने बीते एक सप्ताह में पूछताछ की.