अयोध्या: राम मंदिर भूमि पूजन में 36 परंपराओं के 135 पूज्य संत महात्माओं के साथ कुल 175 विशिष्ट अतिथि गणों को आमंत्रित किया गया है. ट्रस्ट ने कहा है कि श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के 77 में आंदोलन में भाग लेने वाले सभी राम भक्त बड़ी संख्या में उपस्थित होने थे. वहीं वर्तमान समय में कोरोना महामारी के चलते यह संभव नहीं हो पा रहा है. सोमवार शाम को 4 बजे अयोध्या के कारसेवक पुरम में प्रेस वार्ता के दौरान चंपत राय ने यह बात कही.
विशेष सिक्योरिटी फीचर से लैस होगा आमंत्रण पत्र
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से भूमि पूजन कार्यक्रम में अतिथियों को आमंत्रण पत्र भेजा जा रहा है. सबसे पहले अयोध्या के अतिथियों को आमंत्रित किया गया है. आमंत्रण कार्ड के जरिए श्रीराम जन्मभूमि परिसर में अतिथियों को प्रवेश दिया जा रहा है. वह विशेष सिक्योरिटी से लैस है. इस कार्ड पर यूनिक कोड है. इस कार्ड के जरिए राम जन्मभूमि परिसर में वन टाइम एंट्री होगी. एक बार प्रवेश करने के बाद राम जन्मभूमि परिसर से निकलने के बाद दोबारा एंट्री के लिए यह कार्ड मान्य नहीं होगा.
राम जन्मभूमि परिसर में सामान का प्रवेश वर्जित
राम मंदिर भूमि पूजन में एक आमंत्रण कार्ड से एक ही व्यक्ति का प्रवेश होगा. कार्ड के साथ अधिकृत परिचय पत्र लाना अनिवार्य होगा. कार्यक्रम में किसी भी प्रकार का मोबाइल वापस लाना पूर्णतया वर्जित है.
पीएम मोदी के आने से दो घंटे पहले राम जन्मभूमि प्रवेश हो जाएगा बंद
श्रीराम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर भूमि पूजन के लिए आमंत्रित अतिथियों को 2 घंटे पहले प्रवेश करना होगा. राम मंदिर ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने कहा है कि परिसर के मुख्य द्वार पर उन्हें अपने पहचान पत्र और आमंत्रण पत्र के साथ समय से पहुंचना होगा, तभी परिसर के अंदर प्रवेश मिल पाएगा. उन्होंने आमंत्रित अतिथियों से 5 अगस्त को सुबह 10 बजे तक राम जन्मभूमि परिसर में प्रवेश करने की अपील की है.
राम मंदिर भूमि पूजन में प्रमुख संत आमंत्रित
राम मंदिर भूमि पूजन में सभी प्रमुख परंपराओं के संतो को आमंत्रित किया गया है. इसमें दशनामी परम्परा, रामानंद वैष्णव परंपरा, रामानुज परंपरा, नाथ परंपरा, निंबार्क, माधवाचार्य, वल्लभाचार्य, रामसनेही, कृष्ण प्रणामी, उदासीन, निर्मली संत, कबीर पंथी, चिन्मय मिशन, रामकृष्ण मिशन, लिंगायत, बाल्मीकि संत, रविदास जी, संत आचार्य समाज, सिख परंपरा, बौद्ध, जैन, संत कैवल्य ज्ञान, संत पंथ इस्कान, स्वामीनारायण, वारकरी, एकनाथ बंजारा संत, वनवासी संत, आदिवासी गौण, गुरु परंपरा, भारत सेवाश्रम संघ, आचार्य समाज, संत समिति, सिंधी संत अखाड़ा परिषद के पदाधिकारी और नेपाल से भी पूज्य संत कार्यक्रम में आमंत्रित किए गए हैं.
राम मंदिर भूमि पूजन का अनुष्ठान पीएम मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत की उपस्थिति में वैदिक रीति रिवाज से संपन्न किया जाएगा.
108 दिन पहले से राम जन्मभूमि में अनुष्ठान जारी
परिसर में पूजा पाठ का कार्य 108 दिन पहले से जारी है. पूजा पाठ का कार्यक्रम बीते 18 अप्रैल 2020 से आरंभ हो गया था. इस दौरान प्रतिदिन विष्णु सहस्त्रनाम, श्री राम सहस्त्रनाम, श्री हनुमत सहस्त्रनाम, दुर्गा सप्तशती पाठ के मंत्रों द्वारा हवन एवं रुद्राभिषेक किया जा रहा था. ट्रस्ट का मानना है कि इस अनुष्ठानों से संपूर्ण क्षेत्र प्रचं आध्यात्मिक ऊर्जा से ओत-प्रोत है.