रांची: झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में बुधवार को सरना आदिवासी धर्म कोड का प्रस्ताव लाया गया. इसके बाद इसे केंद्र में भेजा गया है. आदिवासी के मुद्दों को लेकर लगातार मुखर रहने वाले विधायक बंधु तिर्की से ईटीवी भारत की टीम ने खास बातचीत की. इस दौरान जाना कि सरना आदिवासी धर्मकोड को लेकर जो प्रस्ताव केंद्र में भेजा गया है, उस पर किस तरह से सहमति बनी है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि राज्य की जनता के लिए बुधवार का दिन काफी ऐतिहासिक रहा. झारखंड के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि विशेष सत्र बुलाकर आदिवासियों की पहचान के मुद्दे पर सत्तापक्ष और विपक्ष में चर्चा हुई है. बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी की ओर से दिए गए बयान पर कटाक्ष करते हुए करते हुए उन्होंने कहा कि जब कोई गंभीर मुद्दों को लेकर बात हो रही हो तो, विपक्ष के लोग कन्याकुमारी, कश्मीर और पंजाब की बातें करते हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष का मांग था कि आदिवासी सरना धर्म कोड लागू किया जाए, जिस पर विचार करने के बाद आदिवासी सरना धर्म कोड का प्रस्ताव लाया गया है. यह उनकी भी मांग थी और इस पर मुख्यमंत्री ने विचार करते हुए यह प्रस्ताव लाया है.