रांची: पूरी दुनिया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रही है. 21 जून को देश के सभी विभागों, स्कूलों, निजी कंपनी के दफ्तरों में योग दिवस के मौके पर लोगों को योग का महत्व बताया गया. बड़ी-बड़ी हस्तियों ने योगासन किया. इसका असर झारखंड के राजभवन में भी दिखा. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम में भाग लिया. उन्होंने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि योग भारत का दुनिया को अमूल्य उपहार है. यह ऐसी साधना प्रक्रिया है जो न सिर्फ शरीर को बल्कि मन को भी स्वस्थ्य रखती है.
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उन्होंने कहा कि योगासन करने से कई गंभीर बीमारियों से निजात मिलती है. मानसिक और आध्यात्मिक विकास होता है. राज्यपाल ने सामूहिक योगासन कार्यक्रम के दौरान एक प्रसंग का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि कल पश्चिम बंगाल के स्थापना दिवस के मौके पर मैंने देखा कि एक बुजुर्ग महिला को चलने में कठिनाई हो रही है. मैंने उनसे पूछा कि क्या आपको कोई तकलीफ है. वह बोलीं कि मुझे कोई तकलीफ नहीं है. मैं मानसिक बल के कारण इस कार्यक्रम में आई हूं. वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी राज्यवासियों को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं दी. उन्होंने योग को स्वास्थ्य समाज, समृद्ध राज्य और देश का द्योतक बताया. सीएम ने राज्यवासियों के कुशल स्वास्थ्य की कामना की.
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि योग की बदौलत हम मानसिक रूप से तरोताजा होकर लगातार कुशलता से काम कर सकते हैं. योगासन से शरीर के जोड़ों की शिथिलता खत्म हो जाती है. रक्त संचार बढ़ता है. पाचन तंत्र मजबूत होता है. मोटापा घटता है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की वजह से योग को अंतर्राष्ट्रीय मंच का हिस्सा बनाया जा सका है. आज पूरी दुनिया पूरे उत्साह के साथ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रही है. इसकी असली परीक्षा कोविड महामारी के दौरान हुई. इस दौरान पूरी दुनिया में लोगों ने योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाया. उन्होंने कहा कि आप सभी योग को जीवन का हिस्सा बनाएं और अपने आसपास के लोगों को भी प्रेरित करें. राज्यपाल ने कहा कि 'जो करे योग, वह रहे निरेग.'
कैसे शुरू हुआ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस:भारत की देन योग की अहमियत पूरी दुनिया समझ चुकी है. खासकर कोविड के दौर में लोगों ने जोर-शोर से इसको आत्मसात किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतरार्ष्ट्रीय योग दिवक के प्रस्ताव को अमेरीका ने मंजूरी दी. इसके बाद 21 जून 2015 को पहला योग दिवस मनाया गया. अब सवाल है कि 21 जून को ही योग दिवस के रूप में क्यों चुना गया. बताया जाता है कि 21 जून को उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है. भारतीय परंपरा के तहत ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जा जाते हैं. यह समय आध्यात्मिक सिद्धियों को हासिल करने में असरदार होता है.
इस बार के योग दिवस का थीम है वसुधैव कुटुंबकम. इसका मतलब है 'पूरी धरती एक परिवार है' यानी सभी लोग योग करें और स्वस्थ रहें. रांची के धुर्वा स्थित प्रभात तारा मैदान में भी साल 2019 में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन हो चुका है. तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए थे. उस वक्त थीम था योग ऑर हार्ट केयर.