झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

भगवान पर चढ़े 'फूल-बेलपत्र' का हो रहा अनोखा इस्तेमाल, जानिए पहाड़ी मंदिर ने एक बार फिर कैसे बनाई अलग पहचान - रांची पहाड़ी मंदिर फूल बेलपत्र जैविक खाद

रांची के पहाड़ी मंदिर में भगवान पर चढ़ने वाले फूल और बेलपत्र से जैविक खाद उत्पादन का अनोखा प्रयास किया जा रहा है. पहाड़ी मंदिर परिसर में जैविक खाद बनाने के लिए 4 यूनिट बनाए गए हैं. खाद बनाने के प्रोसेस के तहत 46 किलो खाद का उत्पादन किया गया है.

organic manure from flower
मंदिर में निर्मित खाद

By

Published : Dec 21, 2019, 9:40 AM IST

Updated : Dec 21, 2019, 3:20 PM IST

रांचीः राजधानी रांची का पहाड़ी मंदिर देश में एक अलग पहचान रखता है. यह इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां 15 अगस्त और 26 जनवरी को तिरंगा फहराया जाता है, लेकिन अब पहाड़ी मंदिर में भगवान पर चढ़ने वाले फूल और बेलपत्र से जैविक खाद उत्पादन का अनोखा प्रयास किया जा रहा है. जिसमें सफलता भी हासिल हुई है.

देखें पूरी खबर

फूल और बेलपत्र से जैविक खाद का उत्पादन
दरअसल पहाड़ी मंदिर परिसर में जैविक खाद के उत्पादन का काम किया जा रहा है. पहली बार 46 केजी जैविक खाद का उत्पादन करने में सफलता हासिल की हुई है. इससे पहाड़ी मंदिर के लोग भी उत्साहित हैं. पहाड़ी मंदिर का यह अनोखा प्रयास है. झारखंड में पहाड़ी मंदिर दूसरा ऐसा मंदिर बन गया है, जहां फूल और बेलपत्र से जैविक खाद का उत्पादन किया जा रहा है. पहाड़ी मंदिर परिसर में जैविक खाद बनाने के लिए 4 यूनिट बनाए गए हैं. जिसमें 70 से 90 दिनों में जैविक खाद तैयार होता है.

ये भी पढ़ें-झारखंड में जल्द मिलेगी अर्बन मैनेजमेंट एंड टाउन प्लैनिंग की शिक्षा, विभाग ने तैयारियां की शुरू


46 केजी खाद का उत्पादन
पहाड़ी मंदिर विकास समिति के कोषाध्यक्ष अभिषेक आनंद बताते हैं कि देवघर के बाद पहाड़ी मंदिर में जैविक खाद उत्पादन के लिए काम किए जा रहे हैं. सावन के समय से खाद बनाने के प्रोसेस के तहत 46 केजी खाद का उत्पादन किया गया है. उन्होंने बताया कि 2015 में नगर निगम ने जैविक खाद के उत्पादन का प्रयास किया था, हालांकि उसके बाद जैविक खाद का उत्पादन बंद हो गया था, लेकिन फिर से पहाड़ी मंदिर विकास समिति ने जैविक खाद के उत्पादन का काम शुरू किया है. जिसमें सफलता भी मिली है.

अभिषेक आनंद बताते हैं कि 26 किलो जैविक खाद को पहाड़ी मंदिर परिसर में ही पौधों में इस्तेमाल किया गया है, जबकि बचे जैविक खाद को आम लोगों के लिए 51 रुपए प्रति किलो की दर से बेचा जा रहा है. उन्होंने बताया कि आम लोगों में जैविक खाद को लेकर खासा उत्साह है.

ये भी पढ़ें-MCI की 3 सदस्यीय टीम ने MGM अस्पताल का किया निरीक्षण, मेडिकल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग में सौंपी जाएगी रिपोर्ट

वहीं, पहाड़ी मंदिर में सेवादल के सुनील कुमार बताते हैं कि सावन के बाद 4 यूनिट में जैविक खाद का पहला उत्पादन होने के बाद अब दोबारा जैविक खाद बनाने की प्रोसेस शुरू कर दिया गया है. पहाड़ी मंदिर के पुजारी मनोज मिश्रा ने लोगों से अपील की है कि भगवान पर चढ़ने वाले फूल बेलपत्र इधर उधर ना फेंके, बल्कि पहाड़ी मंदिर में पहुंचा दें जिससे जैविक खाद का उत्पादन किया जा सके.

Last Updated : Dec 21, 2019, 3:20 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details