रांची: रिम्स के कैदी वार्ड से उग्रवादी समेत दो कैदी शनिवार देर रात खिड़की का ग्रिल तोड़कर फरार हो गए. इसकी सूचना जैसे ही प्रशासन को मिली तो खबर आग की तरह फैल गई. खबर मिलते ही रिम्स प्रबंधन और पुलिस रेस हो गई. दोषी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई की गई. लेकिन सवाल यही उठ रहा है कि बार-बार रिम्स से कैदी भागने में कैसे सफल होते हैं.
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15 अक्टूबर को ही नहीं बल्कि पिछ्ले वर्ष 2021 के फरवरी में दुमका से आया एक कैदी जांच कराने के दरमियान फरार हो गया. कैदी सिद्धेश्वर ओरिया हत्या के मामले में दुमका जेल में बंद था और उसे बेहतर इलाज के लिए रिम्स लाया गया था लेकिन रिम्स के मेडिकल आईसीयू से फरार हो गया. उससे पहले नक्सली कृष्ण मोहन झा उर्फ अभय जी भी रिम्स के मेडिसिन आईसीयू से फरार हो गया था.
इस तरह की घटना लगातार हो रही है. जिसको लेकर रिम्स प्रबंधन पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. 15 अक्टूबर को हुई घटना के बाद रिम्स प्रबंधन ने अस्पताल के जर्जर भवन को दुरुस्त करना शुरू कर दिया है (Prisoner ward of RIMS getting repaired). कैदी वार्ड के पीछे जहां भी दीवारें टूटी हुई थीं और जर्जर स्थिति में थी उन्हें तुरंत ही दुरुस्त कराने का दिशा निर्देश रिम्स प्रबंधन के द्वारा दिया गया है. इसके साथ ही भवन निर्माण विभाग को भी इस पर काम करने का दिशा निर्देश जारी कर दिया गया है.