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प्राथमिक शिक्षक संघ का शिक्षा विभाग को अल्टीमेटम, 'गांव चले हम अभियान' का करेंगे विरोध

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Published : Jul 6, 2020, 2:45 AM IST

कोरोना काल में सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं. इसे लेकर कई संस्थानों में ऑनलाइन पठन-पाठन की व्यवस्था की गई है, लेकिन रांची के ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. ऐसे विद्यार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से गांव चले हम अभियान की पहल की जा रही है, जिसका अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षण संस्थान ने विरोध भी करना शुरू कर दिया है.

Primary Teachers Association protested against gaon Chale Hum campaign in jharkhand
गांव चले हम अभियान का विरोध शुरू

रांची: जिले में ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को शिक्षा विभाग की ओर से दी जा रही ऑनलाइन पठन-पाठन का लाभ नहीं मिल पा रहा है. उनके लिए शिक्षा विभाग की ओर से गांव चले हम अभियान की पहल की जा रही है. हालांकि इस पहल का विरोध भी शुरू हो गया है. अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने इस अभियान का विरोध किया है.


इस योजना के तहत शिक्षकों को स्कूल क्षेत्र में जाकर 10-10 बच्चों के समूह को 2-2 घंटे पढ़ाना है
दरअसल, ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों तक राज्य सरकार की ओर से संचालित ऑनलाइन पठन-पाठन का शत प्रतिशत लाभ नहीं पहुंच रहा है. दूरदर्शन के अलावा व्हाट्सएप व्यवस्था भी इन क्षेत्रों में फेल है. ऐसे में विभाग एक योजना के तहत गांव चले हम अभियान की शुरुआत कर रही है. इस अभियान के जरिए पठन-पाठन से वंचित इन विद्यार्थियों तक पहुंचना विभाग का लक्ष्य है.

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने किया विरोध
इधर अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ का मानना है कि गांव चले हम अभियान राज्य सरकार के शिक्षा विभाग का तुगलकी फरमान है, जिसका विरोध संघ कर रहा है. कोरोना संक्रमण काल में प्राथमिक शिक्षा में सिर्फ नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं और बुनियादी शिक्षा का बंटाधार किया जा रहा है. विभाग को इसकी चिंता नहीं है. इस कोरोना महामारी में जहां पूरे विश्व में हाहाकार है. ऐसे में शिक्षा विभाग का फरमान खतरे की घंटी है. अगर बच्चों के लिए सबसे सुरक्षित जगह है तो वह है स्कूल. उससे सुरक्षित जगह नहीं हो सकता है. गांव-टोला में जाकर बच्चों को पढ़ाने में कई दुष्परिणाम आएंगे. गांव में इस बरसात और गर्मी के मौसम में भवन नहीं मिलेगा. खुले आसमान में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पाएगा.

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संघ का राज्य सरकार को सलाह
शिक्षक संघ ने विभाग को यह सलाह दी है कि सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए सेनेटाइज कर स्कूलों को राज्य सरकार चालू करे और अगर यह संभव नहीं है, तो जिन बच्चों तक ऑनलाइन पठन-पाठन नहीं पहुंच पा रही है उनकी परेशानियों को दूर किया जाए. जिस सरकारी स्कूल के बच्चों के अभिभावक के पास टीवी नहीं है, उन्हें टीवी मुहैया कराई जाए, जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है, वैसे विद्यार्थियों को चिन्हित कर उन्हें स्मार्टफोन राज्य सरकार मुहैया कराएं.

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