रांचीः सेंट्रल यूनिवर्सिटी झारखंड का पहला दीक्षांत समारोह का आयोजन चेरी-मनातू स्थित नए परिसर में हुआ. जिसमें बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शामिल हुए. समारोह में झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, सीयूजे के चांसलर और सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश वीएन खरे, वीसी डॉ नंद कुमार यादव जैसे कई शिक्षाविद और गणमान्य शामिल हुए.
राष्ट्रपति ने बताया बेहतरीन पल
सेंट्रल यूनिवर्सिटी की स्थापना के बाद यह पहला मौका था जब विद्यार्थियों के लिए दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया और आयोजन को भव्य बनाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन के अलावा विद्यार्थियों ने भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. इस दौरान मुख्य अतिथि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कुल 11 गोल्ड मेडलिस्ट विद्यार्थियों को मेडल देकर सम्मानित किया. 96 गोल्ड मेडल में छात्राओं ने 64 गोल्ड मेडल पर कब्जा किया, 32 गोल्ड मेडल छात्रों को मिला. इस दौरान कूल 596 पास आउट छात्रों को डिग्री दी गई. इसमें पीजी के 493 और यूजी के 103 विद्यार्थी शामिल हैं. विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि बिरसा मुंडा की इस धरती पर बन रहे कैंपस में आकर काफी प्रसन्नता हो रही है. राष्ट्रपति ने इसे बेहतरीन पल बताते हुए कहा कि आज छात्राएं हर क्षेत्र में बेहतर कर रही हैं.
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साथ ही उन्होंने तमाम पदक विजेताओं को शुभकामनाएं भी दीं और कहा कि काफी अरसे बाद इस विश्वविद्यालय का यह पहला दीक्षांत समारोह है. यह देर आयद दुरुस्त आयद वाली कहावत की तरह है, राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों और विश्वविद्यालय प्रबंधन से अपील करते हुए कहा कि लोग समाज सेवा के भाव से राष्ट्र निर्माण करें और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को योजनाओं की जानकारी दें. साथ ही सेंट्रल यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों को राष्ट्रपति ने सुझाव दिया कि यूनिवर्सिटी के अगल-बगल के गांव का भ्रमण करें और जो परेशानियां ग्रामीणों को हो रही हैं. उसे जानने की कोशिश करें. साथ ही उनके लिए जो योजनाएं सरकार की ओर से बनाई जा रही है, उन योजनाओं को ग्रामीणों तक पहुंचाने की विद्यार्थी भी कोशिश करें.