रांची: पोक्सो की स्पेशल कोर्ट ने नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म और आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के जुर्म में आरोपी अजय साहू, अरुण साहू और भैरव यादव को दोषी ठहराते हुए 20-20 साल की सजा सुनाई है, साथ ही सभी आरोपियों पर 70 -70 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर आरोपियों को अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.
खुद को किया आग के हवाले
मामला साल 2017 का है. नाबालिग पीड़िता अपनी सहेलियों के साथ मेला घूमने गई थी, जहां आरोपी अरुण साहू ने नाबालिक को बहला-फुसलाकर उसे सहेलियों से दूर किया. फिर उसके साथ रात भर सामूहिक दुष्कर्म किया. दूसरे दिन 7 जून को नाबालिक अपने घर पहुंची और परिजनों को घटना के बारे में जानकारी दी. दूसरे दिन नाबालिग घर बंद कर खुद को आग के हवाले कर दिया. इलाज के दौरान रिम्स में उसकी मौत हो गई. 8 जून 2017 को परिजनों के बयान पर तीनों अभियुक्तों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई और 30 सितंबर 2018 को आरोप गठन हुआ और 19 जनवरी 2019 को आरोप तय हुआ.
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नाबालिग से दुष्कर्म
वहीं, दूसरे एक और मामले में पोक्सो की विशेष अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म कर गर्भवती करने के आरोपी विजय टोप्पो को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही 75 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर 2 साल अतिरिक्त सजा आरोपी को काटनी होगी. मामला साल 2018 का है. पीड़िता ने आरोपी के खिलाफ रांची महिला थाना में मामला दर्ज कराया था कि पीड़िता अपने पड़ोस के रहने वाले विजय टोप्पो के घर बच्चा खेलाने के लिए जाती थी. उसी दौरान उसके साथ आरोपी विजय लगातार शारीरिक संबंध बनाता रहा.