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सहायक पुलिसकर्मियों पर हुए लाठीचार्ज से गरमाई राजनीति, सत्ता पक्ष और विपक्ष का एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप शुरू - रांची में सहायक पुलिसकर्मियों पर लाठीचार्ज से राजनीति शुरू

राज्य के सहायक पुलिसकर्मियों पर शुक्रवार को लाठीचार्ज कर दी गई. इस मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है. इसे लेकर सत्ता और विपक्ष ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप शुरू कर दिया है.

सहायक पुलिसकर्मियों पर हुए लाठीचार्ज से गरमाई राजनीति
Politics stated for lathicharge on assistant policemen in Ranchi

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Published : Sep 18, 2020, 9:27 PM IST

रांची: पिछले 1 सप्ताह से आंदोलन कर रहे राज्य के सहायक पुलिसकर्मियों पर शुक्रवार को लाठीचार्ज कर दी गई. इस मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है. मामले में झामुमो प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा आंदोलन को भटकाने की कोशिश कर रही है. इसलिए आंदोलित सहायक पुलिसकर्मी आक्रोशित हुए हैं. उन्होंने बाबूलाल मरांडी और रघुवर दास पर हमला करते हुए कहा कि सहायक पुलिसकर्मी की नियुक्ति कि सेवा शर्त को अगर देखा जाए तो वह पूर्ववर्ती सरकार ने ही तय किया था, जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि सहायक पुलिसकर्मी को अनुबंध पर ही बहाल किया जाएगा, उन्हें नियमित नहीं किया जाएगा.

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भाजपा ने किया उकसाने का काम

सुप्रियो भट्टाचार्य ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि रघुवर दास और बाबूलाल मरांडी आंदोलन कर रहे पुलिसकर्मियों को भड़काने का काम कर रहे हैं, क्योंकि शुक्रवार सुबह जब उनकी पार्टी के विधायक आंदोलन कर रहे सहायक पुलिसकर्मियों से मुलाकात करने पहुंचे तो माहौल काफी सौहार्द और शांतिपूर्ण था, लेकिन भाजपा ने आंदोलनकारियों में से कुछ गुट को भड़का कर सड़क पर उतरने के लिए उकसाने का काम किया है, जिसके बाद आंदोलन कर रहे सहायक पुलिसकर्मियों ने पत्थरबाजी की है. सहायक पुलिसकर्मियों की ओर से किए गए पत्थरबाजी के बाद मौके पर मौजूद जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने दंडात्मक कार्रवाई की, जिसमें कई आंदोलित पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.

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भाजपा का पलटवार

पूरे मामले में विपक्ष भी सत्तापक्ष पर हमला करने से नहीं चूक रही है. आंदोलन कर रहे सहायक पुलिसकर्मियों पर लाठीचार्ज को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि झारखंड की जनता ने ऐसी निरंकुश सरकार पहले कभी नहीं देखी. लोकतंत्र में शांतिपूर्ण आंदोलन का सबको अधिकार है. बातचीत से सभी समस्याओं का समाधान संभव है, लेकिन वर्तमान सरकार का इरादा नेक नहीं है. इसीलिए सरकार निर्मम होकर सहायक पुलिसकर्मियों पर लाठी चला रही है और आंसू गैस छोड़वा रहा है.

पुलिसकर्मियों ने अपनाया उग्र रूप

पिछले 7 दिनों से राजधानी के मोरहाबादी मैदान में सहायक पुलिसकर्मी नियुक्ति को लेकर आंदोलन कर रहे हैं और सरकार से मांग कर रहे हैं कि उन्हें नियमित किया जाए, लेकिन सरकार की ओर से इनकी मांगों पर कोई जवाब नहीं दिया गया है, जिसके बाद शुक्रवार को सहायक पुलिसकर्मियों ने उग्र रूप लिया. इस पर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई भी की.

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