झारखंड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 पर सियासत, जानिए सत्तारूढ़ दलों के साथ विपक्ष की क्या है प्रतिक्रिया
झारखंड में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए हेमंत सरकार की नई औद्योगिक नीति 2021 (New Industrial Policy 2021) को मंजूरी मिलने के बाद सियासत शुरू हो गई है. झारखंड में पांच लाख लोगों को रोजगार (Employment) और एक लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है. इस पॉलिसी पर सत्तारूढ़ दलों के साथ-साथ विपक्ष और चैम्बर ऑफ कामर्स (Chamber of Commerce) ने प्रतिक्रिया दी है.
झारखंड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 पर जारी सियासत, जानिए सत्तारूढ़ी दलों के साथ विपक्ष की क्या है प्रतिक्रिया
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Published : Jul 10, 2021, 8:25 PM IST
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Updated : Jul 10, 2021, 11:00 PM IST
रांची:नई औद्योगिक नीति पर सियासत तेज हो गई है. विपक्ष ने सरकार पर जनता का रोजगार वर्ष में ध्यान भटकाने का आरोप लगाया है, तो वहीं सत्तारूढ़ दल ने इसे लाभदायक बताया है. चैम्बर ऑफ कामर्स ने इस पॉलिसी को हकीकत में लागू करने की मांग की है. राज्य में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए हेमंत सरकार नई औद्योगिक नीति 2021 लाई है, जिसके तहत झारखंड में पांच लाख लोगों को रोजगार और एक लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है. झारखंड औद्योगिक और निवेश प्रोत्साहन नीति -2021 को मंत्रिपरिषद की बैठक में 6 जुलाई को मंजूरी भी दे दी गई है.
बताते चलें कि ये नीति एक अप्रैल 2021 से पांच सालों के लिए लागू होगी. नई नीति में पांच सेक्टरों, टेक्सटाइल एंड अपेरल, ऑटोमोबाइल्स, ऑटो कंपोनेंट्स एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल, एग्रोफूड प्रोसेसिंग एंड मीट प्रोसेसिंग इंडस्ट्री, फार्माक्यूटिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग पर सर्वाधिक फोकस किया गया है. नई औद्योगिक नीति के तहत आठ सेक्टर स्टार्टअप एंड इक्यूबेसन सेंटर्स, शिक्षा एवं तकनीकी संस्थान, हेल्थकेयर, पर्यटन, सूचना प्रौद्योगिकी, ब्रुअरी एंड डिस्टीलरी को खास ध्यान रखा गया है. इसके अलावा नई औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति में पहली बार जल्द भौतिक रूप से काम शुरू करने के लिए यूनिट को पांच प्रतिशत की अतिरिक्त कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी. इसी प्रकार निजी विश्वविद्यालय, मेडिकल एजुकेशन एंड हेल्थ केयर फैसिलिटी को इनसेंटिव का प्रावधान किया गया है. कॉप्रिहेंसिव प्रोजेक्ट इंसेंटिव, स्टांप ड्यूटी रिम्बर्समेंट, क्वालिटी सर्टिफिकेशन एंड रजिस्ट्रेशन में मदद सरकार की ओर से उपलब्ध होगी.
झारखंड मंत्रालय में सीएम हेमंत सोरेन
राज्य में है 2015 एकड़ है उद्योग के लिए उपलब्ध जमीन
राज्य में उद्योग लगाने के लिए राज्य सरकार के पास 2015 एकड़ जमीन उपलब्ध है, जिसे निवेशकों को दिया जाएगा. सरकार को उम्मीद है कि इससे भारी भरकम निवेश होगा और उद्योगपतियों को व्यापार करने का समुचित माहौल मिलेगा.
आइये जानते हैं कहां है कितनी जमीन
क्षेत्र कुल जमीन उपलब्ध
आदित्यपुर
4550. 889 एकड़
रांची
2307. 684 एकड़
बोकारो
1618. 34 एकड़
संथाल परगना
1429. 407 एकड़
झारखंड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति -2021 पर सियासत शुरू
राज्य सरकार की ओर से लाई गई नई औद्योगिक एवं निवेश नीति को सरकार इसे लाभकारी मान रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से इसे क्रियान्वित करने के निर्देश दिये गये हैं. मंत्री आलमगीर आलम ने इस नीति की सराहना करते हुए कहा है कि उचित माहौल पैदा करने के लिए कई रियायत भी उद्योग नीति में दी गई है. इसका लाभ हमारे यहां के उत्पादकों और व्यापारियों को मिलेगा. वहीं इस पॉलिसी पर सत्तारूढ़ दलों के साथ साथ विपक्ष और चैम्बर ऑफ कामर्स ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि राज्य में उद्योग के लिए समुचित माहौल बनाये बगैर इसे जमीन पर उतारना बेहद ही मुश्किल है. सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शमशेर आलम ने उद्योग लगाने के लिए उद्योगपतियों को होने वाली परेशानी को दूर करने की सलाह दी है.
रांची में स्थित एक उद्योग
वहीं विपक्षी दल आजसू और बीजेपी ने सरकार पर लोगों को ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की नीति लाने का आरोप लगाया है. वहीं चैम्बर ऑफ कामर्स के महासचिव राहुल मारु ने सरकार की नीति की सराहना करते हुए इम्पलीमेंटेशन पर ज्यादा जोर देने की मांग की है. राहुल मारु ने कहा कि एक उद्योग लगाने के लिए उद्योगपतियों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है. सरकार को सिंगल विंडो सिस्टम को दुरुस्त कर इसे जमीन पर उतारने का इमानदारी से प्रयास करना होगा.
14 जुलाई को होगी उद्योग जगत के लोगों के साथ उद्योग सचिव की बैठक
झारखंड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति-2021 को लेकर 14 जुलाई को उद्योग सचिव पूजा सिंघल बैठक करने जा रही है. इस बैठक में चैम्बर ऑफ कॉमर्स, फिक्की, सीआईआई और अन्य औद्योगिक संंगठन के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे. इस बैठक में झारखंड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति-2021 के बारे में जानकारी के साथ उद्योगपतियों की समस्या सुनी जायेगी. झारखंड में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई बार पॉलिसी बनी. हर बार समुचित माहौल के साथ भारी भरकम निवेश और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने का दावा किया गया, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. पिछली सरकार का मोंमेंटम झारखंड उदाहरण के लिए काफी है. ऐसे में बड़े उद्योगपतियों को जबतक झारखंड के प्रति विश्वास नहीं होगा, तब तक भारी भरकम निवेश होने की सोचना दिन में सपना देखने जैसे ही होगा.