रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शुक्रवार 14 जुलाई से अपनी सरकार के कामकाज की समीक्षा करेंगे. हाल के दिनों में विभागीय कार्यों की समीक्षा करने में जुटे मुख्यमंत्री इस बार अलग अलग दिनों में सरकार के महत्वपूर्ण 06 विभागों की वास्तविक स्थिति का आकलन करेंगे. इस दौरान केन्द्र और राज्य सरकार के द्वारा चलाई जानेवाली विभिन्न योजनाओं की स्थिति पर चर्चा होगी.
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पहले दिन यानी 14 जुलाई को शिक्षा विभाग की समीक्षा होगी. झारखंड मंत्रालय में होनेवाली इस समीक्षा बैठक में शिक्षा विभाग के कार्यों से मुख्यमंत्री अवगत होंगे. विभाग की ओर से प्रभारी शिक्षा सचिव के रवि कुमार प्रजेंटेशन देंगे. शिक्षा विभाग द्वारा संचालित मध्यान्ह भोजन, साइकिल योजना, स्कूल ऑफ एक्सीलेंस और स्कूलों के संसाधनों पर चर्चा होने की संभावना है. इस दौरान मुख्यमंत्री को स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पद और इन रिक्तियों को भरने के लिए हो रहे प्रयास पर भी चर्चा होगी.
जानिए, किस दिन किस विभाग की बैठक जानिए किस दिन किस विभाग की समीक्षाः 14 जुलाई को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, 19 जुलाई को वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, 20 जुलाई को स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार-कल्याण विभाग, 21 जुलाई को ग्रामीण विकास विभाग, 24 जुलाई को कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग और 26 जुलाई को अनुसूचित जनजाति-जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की समीक्षा की जाएगी.
सीएम की समीक्षा पर राजनीति शुरूः मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक पर सियासत तेज हो गई है. विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने तंज कसते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री लगातार विभागों की समीक्षा करते आ रहे हैं मगर इसका फलाफल क्या निकला है वह सब कोई जानता है. ऐसे में एक बार फिर मुख्यमंत्री समीक्षा करने चले हैं जिसका कोई नतीजा नहीं निकलने वाला है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता सरोज सिंह ने सरकार के कामकाज की आलोचना करते हुए कहा कि यह सरकार जो भी जनता से वादा करके आई और पिछले चार वर्षों में घोषणा की है, उसमें से एक भी पूरा करने का काम नहीं किया है.
वहीं सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने विपक्ष के द्वारा उठाए जा रहे सवाल पर पलटवार करते हुए कहा है कि हेमंत सरकार अपने कामकाज को लेकर ही लोकप्रिय हुई है बीजेपी को सर्टिफिकेट देने की कोई जरूरत नहीं है. झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा है कि समीक्षा के दौरान जो कमी देखी जाती है उस पर मुख्यमंत्री निर्देश देते हैं और भविष्य में उसे दूर कर जनता के बीच लाया जाता है. इसी वजह से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की लोकप्रियता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. पूर्ववर्ती सरकार की आलोचना करते हुए मनोज पांडे ने कहा कि हाथी उड़ाने और फर्जी एमओयू की वजह से हुए घपले घोटाले के मामले आज भी अदालत में चल रहे हैं.