रांची: अबुआ आवास योजना हेमंत सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है इसके माध्यम से न केवल बेघरों को आवास देने की योजना है बल्कि आने वाले समय में राजनीतिक फायदे भी लेने की तैयारी है. मगर जिस तरह से सरकार आपके द्वारा कार्यक्रम के दौरान अबुआ आवास को लेकर आवेदन मिल रहे हैं, उससे यह अंदेशा जाहिर की जा रही है कि कैसे सरकार इतने लोगों को आवास मुहैया कराएगी.
चालू वित्तीय वर्ष यानी 31 मार्च तक 2 लाख लोगों को आवास देने की सरकार की तैयारी है मगर कैसे यह धरातल पर उतरेगा यह कहना मुश्किल है. क्योंकि आज की तारीख से 31 मार्च तक का समय देखें तो कुल 116 दिन शेष बचे हैं जिसमें सरकार को 2 लाख आवास बनाने हैं. इस तरह से करीब 1724 आवास प्रतिदिन यदि बनता है तो सरकार के लक्ष्य के मुताबिक राज्य की जनता को इस वित्तीय वर्ष में लाभ मिलेगा.
हेमंत सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट पर सियासत शुरू:हेमंत सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट पर इधर सियासत शुरू हो गई है. चालू वित्तीय वर्ष में 31 मार्च 2024 तक सरकार के द्वारा 2 लाख मकान का निर्माण के लक्ष्य को जमीन पर उतारने में जुटे वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव मानते हैं कि अबुआ आवास योजना के तहत भले ही निर्धारित समय सीमा के अंदर मकान नहीं बने मगर स्वीकृति मिल जाएगी तो लाभुक को देर से ही सही घर मिल जाएगा. सरकार इसको लेकर गंभीर है और इसे प्राथमिकता के आधार पर अधिकारियों को कार्य करने के लिए कहा गया है.
इधर, सरकार की इस योजना पर बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा है कि जब शहर की रोड-नाली सरकार समय पर नहीं पूरा करवा पाती है तो आवास का काम समय पर कैसे पूरा करवा लेगी, यह समझ जा सकता है. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अनिमेश कुमार कहते हैं कि 31 मार्च तक हर दिन लगभग 1800 मकान बनाने पर ही लक्ष्य के अनुरूप राज्य में बेघर को घर मिलेगा, जो डपोशंखी दिख रहा है. यह सरकार पूर्व की घोषणा की तरह लोगों को घर का सपना भी दिखाकर धोखा देने का काम करेगी.
सियासी बयानबाजी के बीच सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत अबुआ आवास योजना का लाभ लेने के लिए 8 लाख से अधिक आवेदन आ चुके हैं. इसके अलावा सरकार के पास पहले से ही 8:50 लाख आवेदन आवास के लिए मौजूद हैं. ऐसे में 16.50 लाख आवेदन अब तक सरकार को मिल चुके हैं. 29 दिसंबर तक सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के जरिए इन आवेदनों की संख्या में काफी बढ़ोतरी होने की संभावना जताई जा रही है.