रांचीः राजधानी के मांडर प्रखंड के मसमानो गांव की 63 वर्षीय दुगिया उरांव की मौत पर अब राजनीति होने लगी है. बीजेपी ने दुगिया उरांव की मौत के कारणों को जानने के आरती कुजूर के नेतृत्व में प्रदेश महिला मोर्चा की टीम को भेजने का फैसला किया है. दूसरी ओर कांग्रेस व झामुओ ने पलटवार करते हुए करारा जवाब दिया है.
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प्रदेश बीजेपी कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के नेतृत्व में हुई बैठक में विधायक दल के नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, संगठन मंत्री धर्मपाल सहित कई नेता मौजूद थे.
बाबूलाल मरांडी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि दुगिया उरांव की मौत भूख से हुई है या बीमारी से इसकी हकीकत जानने पार्टी की महिला मोर्चा टीम जाएगी. गौरतलब है कि पिछले 3 सालों से मांडर के ही एक समाजसेवी ने मसमानो गांव स्थित अपने घर के एक कमरे में दुगिया उरांव को रहने को दिया था.
दुगिया अपनी बेटी के साथ मजदूरी कर अपना गुजारा करती थी, लेकिन कोरोना काल में उनकी आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो गई. इन लोगों ने कई बार पंचायत के मुखिया फूलमनि मिंज से आधार कार्ड और राशन कार्ड बनवाने की गुहार लगाई, लेकिन दूसरे पंचायत की बात कहकर मुखिया ने पल्ला झाड़ती रही. हालांकि इसकी मौत भूख से हुई है या बीमारी से यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है, मगर घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण सवाल उठने लगे है.
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इधर बाबूलाल मरांडी ने एक बार फिर सरकार पर इसी बहाने हमला बोलते हुए कहा कि जिस तरह की घटना सरेआम हो रहीं हैं. उससे यही लगता है कि राज्य में कानून व्यवस्था नाम का चीज नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार हर तरह से फेल हो चुकी है. कहीं सरकारी राशन नहीं मिल रही है तो कहीं अपराधियों का तांडव जारी है.