रांची: सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार के द्वारा शुरू की गई अग्निपथ योजना के खिलाफ एक ओर जहां देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन और हिंसक आंदोलन चल रहे हैं वहीं दूसरी तरफ इस मुद्दे पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है. बिहार-झारखंड से लेकर देश के विभिन्न राज्यों में इसके खिलाफ आक्रोशित प्रदर्शनकारी इस योजना का विरोध कर रहे हैं. बिहार में शनिवार को हुए बंदी के बाद रविवार को झारखंड बंद का ऐलान किया गया है.
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अग्निपथ पर सियासत:अग्निपथ योजना के विरोध में चल रहे आंदोलन के बीच इसको लेकर देशभर में बहस छिड़ा हुआ है. गैरभाजपाई दलों को केन्द्र की मोदी सरकार को इस बहाने घेरने का मौका मिल गया है.झारखंड बीजेपी प्रवक्ता अनिमेष ने केन्द्र की भाजपा सरकार की अग्निपथ योजना की तारीफ करते हुए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ युवाओं को मिलेगा. उन्होंने इस योजना के विरोध के पीछे कई संस्थाओं के हाथ होने की बात कहते हुए कहा है कि इसका खुलासा आनेवाले समय में जरूर होगा.
युवाओं को भ्रमित करने वाला है अग्निपथ: कांग्रेस ने केन्द्र की अग्निपथ योजना की आलोचना करते हुए कहा है कि यह युवाओं को भ्रमित करनेवाला है.प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार मेहमान सैनिकों के बदौलत जंग जीतना चाह रही है. उन्होंने कहा कि क्या अग्निपथ योजना भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं के समायोजन के लिए लाई गई है. जिस योजना पर देशभर में विरोध हो रहा है उसकी तारीफ ठीक उसी तरह प्रधानमंत्री जी गिना रहे हैं जिस तरह से तीन कृषि कानून का वे कर रहे थे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री जी को युवाओं के भविष्य को भी समझना चाहिए.