रांची: झारखंड के हजारीबाग में जदयू के नेता गुलाम रसूल बलियावी ने जो बयान दिया उसके बाद बिहार झारखंड की राजनीति गरमा गई है गुलाम रसूल बलियावी ने कहा था कि हम शहरों को कर्बला बना देंगे. गुलाम रसूल बलियावी के इस बयान के बाद बिहार और झारखंड की राजनीति में बयानों का दौर शुरू हो गया है.
गुलाम रसूल के बयान से झारखंड-बिहार की राजनीति में उबाल, कट्टरवाद पर उठने लगे सवाल
बिहार जेडीयू के नेता गुलाम रसूल बलियावी के विवादित बयान के बाद झारखंड और बिहार में कट्टरपंथी राजनीति की चर्चा होने लगी है. कोई इसे रामगढ़ उपचुनाव से जोड़ रहा है तो कोई महाभारत करने को तैयार है. वहीं कुछ नेता ये भी कह रहे हैं कि यहां पर कट्टरपंथ का कोई जगह नहीं है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं ने साफ कह दिया कि ऐसे लोगों की झारखंड में कोई जगह नहीं है और इनके ऊपर केस दर्ज किया जाएगा. बिहार में राष्ट्रीय जनता दल और जदयू के गठबंधन की सरकार चल रही है. ऐसे में जब राष्ट्रीय जनता दल से इस बात का सवाल किया गया कि जदयू के एक नेता झारखंड में जाकर इस तरह का बयान देते हैं. उस पर आप क्या कहेंगे तेजस्वी यादव ने साफ कह दिया कि कट्टरपंथ के लोगों के लिए कोई जगह नहीं है बलियावी के धार्मिक बयान के बाद राष्ट्रीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज ने कह दिया था कि अगर शहरों को कर्बला बनाओगे तो हम महाभारत कर देंगे.
जदयू नेता गुलाम रसूल बलियावी के बयान के बाद बिहार और झारखंड की राजनीति में धार्मिक कट्टरवाद की बात एक बार फिर से शुरू हो गई है. मामला यह भी है कि नीतीश कुमार धार्मिक कट्टरवाद का विरोध करते रहे हैं. आर एस एस की राजनीति पर भी सवाल उठाते रहे हैं. समाज में विभेद और विद्रोह फैलाने वाली बात का जमकर मुखालफत भी करते रहे हैं. लेकिन गुलाम रसूल बलियावी के इस बयान पर जदयू के तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई.
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि राष्ट्रीय जनता दल ने कट्टरवाद पर सवाल उठा दिया. झारखंड की राजनीति में अनावश्यक की एक ऐसा तार छेड़ दिया गया जो सामाजिक सद्भाव पर सवाल खड़ा कर रहा है, लेकिन जदयू चुप है नीतीश कुछ नहीं बोल रहे हैं. बड़ा सवाल यही है कि नीतीश कुमार की स्टैंड को क्या माना जाए जबकि गुलाम रसूल बलियावी अपने बयान पर कायम हैं. सवाल यह है कि क्या जदयू कोई कार्रवाई करेगी या फिर बलियावी ने जो बयान दिया है उस में जदयू के बड़े नेताओं की सह है.