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Jharkhand Budget 2022: झामुमो ने सुखद करार दिया तो बीजेपी ने बताया दिशाहीन

झारखंड सरकार के बजट को लेकर विभिन्न दलों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. सत्ताधारी दल जेएमएम ने इसे विकास और भविष्य का बजट बताया है. वहीं विपक्षी दल बीजेपी ने झारखंड बजट 2022 को पूरी तरह से दिशाविहीन और दृष्टिहीन बताया है.

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झारखंड सरकार

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Published : Mar 3, 2022, 7:40 PM IST

रांचीः हेमंत सरकार की ओर से वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने झारखंड बजट 2022-23 पेश किया. इसको लेकर एक तरफ सत्ताधारी इसकी तारीफ करते नहीं थक रहे, दूसरी ओर विपक्ष झारखंड सरकार के बजट को दिशाहीन करार दे रही है.

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झारखंड मुक्ति मोर्चा ने झारखंड सरकार के वर्ष 2022-23 के बजट को विकास और भविष्य का बजट करार दिया है. पार्टी कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन कर जेएमएम कार्यसमिति सदस्य और वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि बजट में राज्य के सभी सेक्टर्स का खयाल रखा गया है. उन्होंने बताया कि जिस तरह राज्य के बजट में शिक्षा पर जोर दिया गया, 13.54% की राशि रखी गयी है. ग्रामीण विकास पर 12.59% की राशि का प्रावधान कराया गया है, जो यह दर्शाता है कि वर्तमान सरकार राज्य के नौनिहालों के भविष्य को बेहतर बनाने और गांव गांव के विकास के लिए कृतसंकल्पित है. राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए स्वास्थ्य पर 9.57% खर्च करने का प्रावधान की है जो स्वागत योग्य कदम है.

बजट पर जेएमएम की प्रतिक्रिया

झामुमो नेता सुप्रीयो भट्टाचार्या ने कहा कि राज्य को कुपोषण से मुक्त करने का प्रयास पहली बार किसी सरकार ने किया है. क्योंकि बजट में 01 रुपये में अंडा, 01 रुपया में एक किलो दाल तक की व्यवस्था की गयी. इसके अलावा गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना, राज्य में खाद्य सुरक्षा के तहत अब 20 लाख गरीबो को जोड़ने, आदिवासियों के अलावा अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्गों के लिए विदेशों में शिक्षा की राह खोल दिया है. गरीबों अपने घर मे सम्मानजनक तरीके से जी सकें, इसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि मे 50 हजार की राशि बढ़ाकर सरकार ने झामुमो के चुनावी निश्चय पत्र को लागू किया है. इसके अलावा मेडिको सिटी विकसित करने, दुमका और देवघर में तारा मंडल और रांची में साइंस सिटी बनाने का प्रावधान राज्य को आगे बढ़ाने वाला है. गुरुवार को विधानसभा में बजट सत्र के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सीपी सिंह द्वारा बार-बार व्यवधान डालने की झामुमो ने निंदा की है.

विपक्ष ने साधा निशानाः झारखंड विधानसभा में राज्य के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव द्वारा पेश किए गए बजट को लेकर विपक्षी दल ने निशाना साधना शुरू कर दिया है. इसी को लेकर सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि राज्य सरकार का बजट पूरी तरह से दिशाविहीन और दृष्टिहीन है. उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि वित्त मंत्री ने अपने तीसरे बजट में भी राज्य के युवाओं, किसानों, महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति पिछड़ों को फिर से छलने का काम किया है. उन्होंने बजट को लेकर कहा कि विधानसभा में पूरा बजट भाषण सुनने के बाद यह स्पष्ट है कि यह जनता से पूछकर या जन भावनाओं के अनुरूप बनाया गया बजट नहीं है. बल्कि केवल आंकड़ों की बाजीगरी एवं बजट के नाम पर औपचारिकता निभाई गयी है. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा पेश किया गया तीसरा बजट दूसरे बजट के राशि से भी कम है, जो दर्शाता है कि राज्य सरकार कहीं से भी वित्तीय प्रबंधन करने में सफल नहीं है. राज्य सरकार में शामिल लोगों के पास इसकी भी जानकारी नहीं है कि जनता के लिए राशि कैसे और कहां खर्च करें.

बजट पर बीजेपी की प्रतिक्रिया

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दीपक प्रकाश ने राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि हेमंत सरकार और उनके साथ गठबंधन के लोग सिर्फ केंद्र सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार करने में लगी है जबकि पिछली सरकार की तुलना में इस सरकार को केंद्र सरकार ने 20% से ज्यादा अनुदान देने का काम किया है. दीपक प्रकाश ने कहा कि भरपूर केंद्र सहायता मिलने के बावजूद भी यह सरकार ग्रामीण विकास विभाग, पथ निर्माण, शिक्षा, उद्योग, सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में बजट की राशि को घटा दिया है, जो साफ दर्शाता है कि सरकार राज्य के विकास में पैसे खर्च नहीं करना चाहती, वह सिर्फ अपने पार्टी का झोला भरने में लगी हुई है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में संसाधनों के लिए रोने वाली सरकार अपने स्वास्थ्य बजट का 50% राशि भी खर्च नहीं कर पाई. झारखंड की सरकार सिर्फ और सिर्फ केंद्र सरकार को नीचे गिराने में लगी है जिसका परिणाम है कि राज्य का विकास रुकता जा रहा है.


इसके अलावा दीपक प्रकाश ने बुधवार की देर शाम मोरहाबादी के एक दुकानदार की आत्महत्या पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ गरीबों और मजदूरों को सताने में लगी है जबकि अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की जिद के कारण एक दुकानदार ने आत्महत्या किया है. अगर मोरहाबादी के दुकानदारों को दुकान लगाने नहीं दिया जाएगा तो शायद इसी प्रकार की घटना सुनने को मिलेगी. लेकिन भारतीय जनता पार्टी दुकानदारों के लिए आवाज उठाती रही है और आगे भी दुकानदारों की आवाज को बुलंद करेगी.

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